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स्कूल जतन योजना में हुआ बड़ा भ्रष्टाचार,22 करोड़ की राशि का हुआ बंदरबाट,जानिए

राजनांदगांव से अक्षय की खबर

राजनांदगांव-/ मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत शासकीय स्कूल भवनों का निर्माण, अतिरिक्त कक्ष निर्माण व रिपेयरिंग के काम में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। कांग्रेस सरकार में जर्जर हो चुके स्कूलों की मरम्मत के लिए जिले में 22 करोड रुपए की राशि जारी की गई थी। इस राशि का अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर बंदरबाट कर लिया। इस मामले में लगातार शिकायत मिल रही थी कि भवन मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है। सरकार द्वारा कराई गई प्राथमिक जांच में सामने आया है कि लगभग 20 स्कूलों में जीर्णोद्धार और अतिरिक्त कमरों के निर्माण का कार्य शुरू ही नहीं हुआ।

इतना ही नहीं ऐसे स्कूलों की संख्या भी काफी अधिक है जिनमें काम पूरा होना बताया गया परंतु काम हुए ही नहीं। कई स्कूलों में निर्माण की गुणवत्ता खराब पाई गई है। पिछले दिनों स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जांच के निर्देश दिए थे। स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में स्वीकृत किए गए कार्यों के औचित्य, उसकी वास्तविक आवश्यकता, पूर्ण अथवा प्रगतिरत कार्यों की गुणवत्ता और वास्तविक लागत की जांच करने की बात कहहि गई थी।

रिपोर्ट के आधार पर पाया गया है कि इस योजना में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करते हुए सरकारी पैसे का बंदरबाट कर दिया गया। जांच में सामने आया है कि कई स्कूलों में जीर्णोद्धार और अतिरिक्त कमरों के निर्माण का कार्य शुरू ही नहीं हुआ। इस मामले में छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पॉल ने बताया कि- मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत पिछली कांग्रेस की सरकार ने स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए 22 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी। जिले के लगभग 20 स्कूलों में केवल कागजों में काम किया गया है। भौतिक सत्यापन के दौरान गठित टीम की जांच में अधूरे काम, गुणवत्ताहीन निर्माण मिला है। इस मामले में कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला पंचायत सीईओ के द्वारा दोषियों को संरक्षण दिया जा रहा है।

इस मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता रूपेश दुबे का कहना है कि- कांग्रेस के शासन काल में जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए 22 करोड़ रुपये की राशि प्रेषित की गई थी। भाजपा शासन काल में उन रुपयों का बंदरबाट कर दिया गया। वर्तमान में मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री हैं, उसके बाद  भी योजना की पैसों का बंदरबाट कर दिया गया। कई स्कूलों का जीर्णोद्धार नहीं करवाया गया है, और जिन स्कूलों का जीर्णोद्धार हुआ है, वहां भी गुणवत्ताहीन कार्य करवाया गया है।

– जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि- मुख्यमंत्री शाला जतन योजना के तहत 467 स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए राशि आयी थी। लगभग सभी स्कूलों में कार्य पूरा हो चुका है, कुछ स्कूलों के प्रधानाध्यापक और प्राचार्यों ने गुणवत्ताहीन कार्यों की शिकायत की थी, जिसके बाद उसकी जांच कराई गई। जांच के बाद निर्माण एजेंसी को कलेक्टर के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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