छठ 2022 -खरना के साथ डूबते सूरज को अर्घ्य देकर 36 घंटे का व्रत आरंभ
chhath puja 2022

धर्म डेस्क/ लोक आस्था का महापर्व छठ नहाए खाए से शुरू हुआ यह पर्व महाआरती, खरना के बाद डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हुए रविवार को मनाया गया इस दौरान छठ घाट में बड़ी संख्या में छठ व्रतियों ने छठी मैया का विधिवत पूजा अर्चना के साथ उनका आशीर्वाद ग्रहण किया वही परिवार की सुख समृद्धि शांति की कामना की।

छठ व्रतियों ने बताया कि हर साल दिवाली के छठवें दिन छठी मैया की डूबते हुए सूर्य और उगते हुए सूर्य उपासना के साथ मनाया जाता है लोक आस्था के महापर्व का सभी श्रद्धालुओं को बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। छठ घाट में अद्भुत नजारा देखने को मिला लाखो की संख्या में श्रदालु इस पर्व को मनाने पहुचे हुए थे ।
ज्ञात हो कि इस पर्व की शुरुआत द्वापर युग में हुई थी. तब (महाभारत काल में) कर्ण ने अपने पिता सूर्य की ख्याति को पाने के लिए इस पर्व को किया था. जबकि इस युग (कलियुग) में सबसे पहले बिहार के पुराने गया जिले के ‘देव’ में छठ पर्व किया गया था. ‘देव’ अब औरंगाबाद में स्थित है. कहा जाता है कि किसी जमाने में एक व्यक्ति को कुष्ठ रोग हुआ था. इसके निवारण के लिए उसने कार्तिक महीने की षष्ठी तिथि को भगवान सूर्य की उपासना की थी. इससे वह शीघ्र ही ठीक हो गया. उसी समय से इस पर्व को आस्था के साथ मनाया जाने लगा.

आज डूबते सूर्य को अर्घ देने केबाद भक्त और वर्ती कल सुबह उगते सूर्य भगवान को अर्घ्य देगे जिसके बाद 36 घण्टो से ज्यादा कदिन उपवास का समापन होगा । चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व में भक्तों में काफी उत्साह देखने मिलता है । इस महापर्व में मंगल गीत गाते हुए महिलाओ ने संतान और परिवार की लंबी आयु और सुख सम्रद्धि के लिए छठ मैया की विशेष पूजा अर्चना की ।