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Human Trafficking Case : दो ननों को मिली जमानत, गृह मंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान

बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में Human Trafficking और धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार दो ननों और एक अन्य महिला आरोपी को अदालत से जमानत मिल गई है। दुर्ग रेलवे स्टेशन से पकड़ी गईं सिस्टर प्रीति मैरी, सिस्टर वंदना फ्रांसिस और सुखमन मंडावी को विशेष NIA कोर्ट ने जमानत देते हुए कुछ सख्त शर्तें भी लगाई हैं।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया। आरोपियों की ओर से पूर्व डिप्टी सॉलिसिटर जनरल बी. गोपाकुमार ने पक्ष रखा, जबकि NIA की ओर से वकील दाऊ चंद्रवंशी और परांकुश मिश्रा मौजूद थे। कोर्ट ने तीनों को 50-50 हजार रुपये का निजी मुचलका भरने का आदेश दिया है। साथ ही, उन्हें अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा कराना होगा और वे देश से बाहर यात्रा नहीं कर सकेंगी।

IMG 6579 Human Trafficking Case : दो ननों को मिली जमानत, गृह मंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान

यह मामला तब सामने आया था जब दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों को मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद से ही उनकी जमानत पर सुनवाई चल रही थी। अब अदालत का निर्णय आ चुका है।

इधर, राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें जमानत की जानकारी नहीं है, लेकिन गिरफ्तारी के समय कार्रवाई तथ्यों के आधार पर की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी। धर्मांतरण के पहलुओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था तक पहुंचाना कठिन है, और यदि वहां के बच्चों को उत्तर भारत के शहरों में ले जाया जा रहा है, तो इसकी जांच आवश्यक है।

गृह मंत्री ने भरोसा दिलाया कि मामले की गहराई से जांच कर सच्चाई सामने लाई जाएगी। यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य में धर्मांतरण से जुड़ी घटनाओं पर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बहस तेज़ हो रही है।

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