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कुपोषण के मुद्दे पर पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार को घेरा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कुपोषण के बेहद गंभीर और चौंकाने वाले आंकड़ों को लेकर पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में 37 हजार 249 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषण के शिकार हैं। इतने गंभीर हल्की व मध्यम श्रेणी के कुपोषित बच्चों को मिला दिया जाए तो यह आंकड़ा लाखों तक पहुंच जाता है। ऐसे में कोरोना की एक और लहर, कुपोषित बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के बच्चों में कुपोषण; एक गंभीर चुनौती है। बहुत से बच्चे अंडर वेट यानी वजन में कम, खून की कमी जैसी कुपोषण से जुड़ी समस्याओं से घिरे हुए हैं। बृजहमोहन अग्रवाल जी ने स्वास्थ्य विभाग को सुस्त बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार के इसी लचर रवैये की वजह से बड़ी संख्या में मासूम कुपोषण की चपेट में आए हैं।

इस मामले में सरकार को घेरते हुए पूर्वमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, भूपेश बघेल सरकार को अपनी जेबें भरने से फुरसत नहीं मिलती; साथ ही उनके राज में प्रदेश की बदहाली को जानबूझकर नजरअंदाज करते हैं। क्योंकि जनता के हित से उनका कोई लेना देना नहीं है। छत्तीसगढ़ में कुपोषण अपने पांव पसारते जा रहा है और सरकार बस प्रदेश को लूटने में लगी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कोरबा जिले में हर साल 10,000 से अधिक बच्चे कुपोषित पाए जाते हैं, इस साल भी 16 हजार 84 बच्चे कुपोषण का शिकार हुए हैं। वहीं बिलासपुर जिले में 3 हजार 482 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, जिसमें से 3 हजार 237 बच्चे 0 से 5 वर्ष के हैं। बिलासपुर जिले में वर्ष 2019 के दौरान गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या 3 हजार 273 थी। साल 2020-21 में कोरोना के कारण कुपोषित बच्चों की गणना नहीं हुई। लेकिन 2022 में गणना के बाद पता चला कि जिले में 3 हजार 482 मासूम कुपोषित हैं। अगर पूरे प्रदेश की बात करें तो छत्तीसगढ़ में 37 हजार 249 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। एक साल पहले सभी वर्गों के कुपोषित बच्चों की संख्या लगभग 3 लाख थी, दिन पर दिन ये बढ़ती जा रही है, लेकिन ये सरकार इस बात की कोई सुध नहीं ले रही है; ना ही इन आंकड़ों से इस सरकार को कोई फर्क पड़ने वाला है।

बच्चों की थाली से पोषण आहार गायब कर करोड़ों के वारे न्यारे कर दिए

प्रदेश में कुपोषित बच्चों के लिए भूपेश जी ने सरकारी योजनाएं चलाई किंतु ये योजना भी उनकी सारी योजनाओं की तरह भ्रष्टाचार के मुंह में समा गई। इस काम के लिए उपर से नीचे तक लोगों को लगा रखा है। शासन ने करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाने का दिखावा करते हुए सारे पैसे अंदर कर लिए; जिसका परिणाम आज आप सभी के सामने है। हर जिले के हजारों बच्चे कुपोषण की चपेट में हैं, जिससे ये साफ तौर पर जाहिर होता है कि, कुपोषित बच्चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है, कोरोना ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है, प्रदेश का यही हाल रहा तो कुपोषित बच्चे को कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा होगा; और इस पूरे प्रकरण की जिम्मेदार निर्लज्ज भूपेश सरकार होगी।

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