विवादो में चौपाटी : राजधानी रायपुर के एजुकेशन हब में चौपाटी बनाए जाने पर मचा घमासान …
रायपुर। राजधानी के एजुकेशन हब यानी जी ई रोड के साइंस कॉलेज मैदान में चौपाटी बनाए जाने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है एक तरफ चौपाटी के विरोध में पूर्व मंत्री अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं तो वहीं भाजपा पार्षद दल स्मार्ट सिटी दफ्तर में ज्ञापन सौंपकर अधिकारियों को जगाने का प्रयास कर रहे हैं वही बिना संबंधित विभाग से एनओसी लिए नियम विरुद्ध निर्माण का भी आरोप लगाय जा रहा है।
बता दे चौपाटी के विरोध में स्थानीय पूर्व विधायक राजेश मूणत स्वयं अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे है मूणत का कहना है कि यह पूरा क्षेत्र एजुकेशन हब है रायपुर के मास्टर प्लान के नियमों के खिलाफ यहां चौपाटी निर्माण किया गया है, जो अवैध है | स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चौपाटी का निर्माण कर रही है।उनका आरोप है कि है कि ऐसा करने से देर रात तक यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहेगा । जिसके कारण यूनिवर्सिटी के आसपास हमेशा विद्यार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।यहां पर कई कॉलेज और विश्वविद्यालय समेत लाइब्रेरी भी है। यहां पढ़ने के लिए शांत माहौल रहना चाहिए, जो चौपाटी के कारण बिगड़ जाएगा। वहीं नशा कारोबार, लूटपाट और छेड़खानी जैसे अपराधों में भारी वृद्धि होगी ।
भाजपा के विरोध पर शहर के महापौर एजाज ढेबर ने कहा की प्रस्ताव जब पास हुआ उनकी सरकार थी स्थल निरीक्षण उन्होंने कराया अब सरकार बदल गई तो धरना दे रहे है। भाजपा नेता अपने कुर्सी बचाने के लिए कुछ भी करेंगे | क्योंकि गुजरात की तर्ज पर प्रदेश में भी सभी नेताओ की टिकट भाजपा के शीर्ष नेतृत्व कटाने वाली है | ऐसे में शीर्ष नेतृत्व के सामने अपनी नंबर बढ़ाने और मिडिया में बने रहने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है |
स्मार्ट सिटी के जिम्मेदार अधिकारी उज्जवल पोरवाल का कहना है भाजपा के द्वारा जिस प्रोजेक्ट का विरोध किया जा रहा है उसके संबंध में कुछ बिंदुओं में जानकारियां दी गई है उसको हम संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करेंगे।
बता दे, राजधानी शहर के चारों ओर चौपाटियो से घिरा हुआ है जिस क्षेत्र पर चौपटिया बनाई जा रही है वहां वैसे ही खाने-पीने होटल ढाबे,रेस्टोरेंट की कमी नहीं थी जिस तरह अवैध गुमटी और ठेलों के चलते सड़को में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती थी वही हालात फिर से बनना शुरू हो जाएगा आखिरकार भाजपा के प्रदर्शन और जनहित को ध्यान में रखते हुए आखिर इस प्रोजेक्ट को लेकर क्या निर्णय लिया जाता है यह समय ही बताएगा।