रायपुर। राजभवन और राज्य सरकार के बीच आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर तकरार कम होने का नाम नहीं ले रहा है | और अब राज्यपाल अनुसुईया उइके ने जल्द ही प्रदेश के जिलों का दौरा करने की बात कही है । अब उनके दौरे पर भी कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच जबरदस्त बयानबाजी होने लगी है । कांग्रेस राज्य[पाल के निर्णय से समाज में असतोष फैलने की बात कर रही है तो भाजपा राज्यपाल के दौरे सेवहां शांति स्थापित होगी एवं आदिवासियों का मनोबल बढ़ने की बात कह रही है | लेकिन सवाल है कि राज्यपाल को जिलों में दौरा करने की जरूरत क्यों पड़ी | क्या ये सरकार को सीधी चुनौती है और क्या इस फैसले से संवैधानिक टकराव बढ़ेगा |
आरक्षण पर सदन, सड़क और सोशल मीडिया तक जंग छिड़ी है । अब राजभवन से जारी ट्वीट से इस मामले ने नया रंग दिखने वाला है । इस ट्वीट में राज्यपाल छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों से मुलाकात करते हुए कह रही हैं कि वे प्रदेश के आदिवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए जिलों का दौरा करेंगी और स्थानीय प्रशासन को समाधान का निर्देश देंगी । राज्यपाल के दौरे पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं । सीएम भूपेश बघेल न ने कहा कि राज्यपाल के इस निर्णय से पूरे समाज में असंतोष है लेकिन आरक्षण बिल को लटकाए रख करवे राजनीति कर रही है | ये बहुत दुर्भागजनक है | बस्तर शांति प्रिय इलाका है ,भारतीय जनता पार्टी उसमे जहर घोलने का काम कर रही है | राज्यपाल उसको प्रश्रय देने का काम करी है ,राज्यपाल अपनी हठधर्मिता छोड़े |
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है । बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस राज्यपाल और संवैधानिक अधिकारों पर सवाल उठा रही है, जो उचित नहीं है । पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में राज्यपाल जी के दौरे से वहां शांति स्थापित होगी एवं आदिवासियों का मनोबल बढ़ेगा | उन्होंने कहा कि राज्यपाल को क्या करना है क्या नहीं करना है उन्हें पता है | सविधान में उन्हें अधिकार मिले है ,सविधान उनकी रक्षा करते है | जिस गंदे तकरे से कांग्रेस ने राज्यपाल के साथ जो व्यवहार किए तो उन्हें कुछ बोलने का अधिकार नहीं है | पूरा बस्तर जिल रहा है , आदिवासी पीटे जा रहे है |