अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने फीस वृद्धि को लेकर गुरु घासीदास विश्वविद्यालय का घेराव किया
Reported By: शाहिद अली
बिलासपुर/ मनमाने फीस वृद्धि को लेकर शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय का घेराव कर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को बढ़ी हुई फीस वृद्धि को जल्द से जल्द निरस्त करने और छात्र हित को ध्यान में रखते हुए पूर्व की भांति वाजिब शुल्क को यथावत रखने की बात कही। वहीं कार्यकर्ताओं ने बढ़ी हुई फीस को जल्द से जल्द वापस नहीं लेने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
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दरअसल, प्रदेश का एक मात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय इन दिनों सुर्खियों में है। सुर्खियों में रहने की वजह मनमाना फीस वृद्धि है। जहाँ बेहताशा फीस वृद्धि ने छात्रों के होश उड़ा दिए है। न केवल फीस वृद्धि बल्कि गैरजरूरी सुविधाओं के नाम पर विश्वविद्यालय मोटी रकम छात्रों से वसूल रहा है। साल 2009 में केंद्र सरकार द्वारा इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। सामाजिक और आर्थिक रूप से चुनौती वाले क्षेत्र में स्थित विश्वविद्यालय को महान संत गुरू घासीदास बाबा के नाम पर रखा गया जिन्होने दलितों, पिछड़ो और शोषितों की आवाज बनकर सामाजिक बुराइयों और समाज में प्रचलित अन्याय के खिलाफ आवाज बनने की बात कही थी। लेकिन विश्विद्यालय महान संत की इन बातों को भूल चुका है ऐसा हम इसलिए कह रहे है कि क्योंकि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है यहाँ एक बड़ा तबका खेती, किसानी, और मेहनत मजदूरी करता है। बावजूद इसके इन पृष्ठ्भूमि से आये बच्चें अच्छी शिक्षा का सपना लेकर विश्वविद्यालय आते है लेकिन मनमाने फीस के कारण उच्च शिक्षा से मुंह चुराने लगे है।
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प्रदेश का एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी होने के कारण न केवल छत्तीसगढ़ से बल्कि अन्य प्रदेशों से बच्चें यहाँ पढ़ने आते है।लेकिन फीस के नाम पर अवैध वसूली से कोई बच्चा वंचित नही है।जिसका विरोध अब तेज हो गया है। छात्रों का कहना है कि जिस तरह से विश्वविद्यालय गैर जरूरी सुविधा के नाम पर छात्रों से मोटी रकम वसूल रहा है ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर छात्र यहां नहीं पढ़ पाएंगे। देश के अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इतनी फीस नहीं है जितनी छत्तीसगढ़ के एकमात्र गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में है ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि छात्र हित को सर्वोपरि रख तुरंत फीस वृद्धि को रद्द किया जाना चाहिए।