सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक निजी बैंक के मैनेजर के द्वारा सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। ठगी के शिकार हुए सभी पीड़ित अत्यंत गरीब परिवार से हैं। गरीबों को करोड़ों की चपत लगाने के बाद बैंक मैनेजर फरार बताया जा रहा है। वहीं पीड़ित न्याय के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, मीडिया की दखल के बाद अब पुलिस विभाग जांच कर कार्यवाही की बात कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक, जिले के विश्रामपुर स्थित बंधन बैंक, यहां के मैनेजर विनय के द्वारा लगभग 150 ग्रामीणों से करोड़ों की ठगी की गई है। ठगी भी इतने शातिराना ढंग से की गई है कि जब तक ग्रामीणों को यह पता चलता कि वह ठगे गए हैं, तब तक आरोपी मैनेजर करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गया। पीड़ित सभी मजदूर तबके से हैं।
यह पूरा मामला मई-जून 2022 का है, इस दौरान जितने भी लोग बैंक से लोन लेने गए, आरोपी मैनेजर ने इन लोगों से लोन के दस्तावेजों में साइन कराने के साथ ही झूठ बोलकर चेक में भी साइन करा लिया और जैसे ही ग्रामीणों के अकाउंट में लोन का पैसा आया उन्हें बिना जानकारी दिए बैंक मैनेजर ने चेक से पैसा निकाल लिया। जब मैनेजर का ट्रांसफर दूसरे बैंक में हो गया और नए मैनेजर ने पदभार ग्रहण किया तो उसने पैसे की रिकवरी के लिए ग्रामीणों के पास नोटिस भेजा, तब जाकर इन ग्रामीणों को पता चला कि उनके नाम से लोन दिया गया है, तब से ग्रामीण पुलिस थाने के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन आरोपी बैंक प्रबंधक खिलाफ अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। वही ग्रामीणों ने अब पुलिस अधीक्षक सूरजपुर से भी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद अब पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार मामला बहुत बड़ा है, पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही आरोपी पर कार्रवाई की जाएगी। वही जब हमने बैंक प्रबंधन से बात की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। हालांकि बिना कैमरे के उन्होंने बताया कि बैंक प्रबंधन की तरफ से भी मामले की जांच की गई है, जिसमें यह पाया गया है कि आरोपी मैनेजर के द्वारा ग्रामीणों से लोन दिलाने के नाम पर ठगी की गई है, इसलिए फिलहाल आरोपी बैंक प्रबंधक को बैंक ने कार्यमुक्त कर दिया है।
इस पूरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि ठगे गए लगभग सभी लोग बहुत ही गरीब तबके से हैं। उनके लिए दो वक्त की रोटी जुटा पाना भी एक चुनौती है, यही वजह है कि ये लोग बैंक से लोन लेकर छोटा-मोटा व्यवसाय कर अपनी जीविका चलाना चाह रहे थे। लेकिन एक लालची बैंक प्रबंधक की वजह से यह और मुसीबत में पड़ गए हैं।