संत थॉमस चर्च में संचालित आश्रम में बच्चे की मौत, न पोस्टमार्टम न एफआईआर ,हो गई अंत्येष्टि,जानिए मामला
रिपोर्टर–पुष्पा रोकड़े
बीजापुर— जिला मुख्यालय के हृदय स्थल पर एक संत थॉमस चर्च के नाम पर कई सालों से संचालित हो रहा है हॉस्टल इस होस्टल में कक्षा 1 से 12 तक बच्चों को रखा गया है ।हॉस्टल के अंदर छात्र-छात्राएं दोनों ही हैं । जहां हॉस्टल संचालक फादर के द्वारा परिवार से सालाना 5000 रु की राशि ली जाती है । बच्चों को हॉस्टल में रखने के लिए । वही बच्चों को पढ़ाई के लिए मिशन स्कूल में ना भेज कर सरकारी स्कूल में पढ़ाया जाता है । फादर के इस कला का क्या कहना , अधिकारी कर्मचारी के बच्चों की लाइन लगी हुई है ।मोटी रकम लेकर बच्चों का एडमिशन संत थॉमस नामक स्कूल में होता है । यह स्कूल भी इसी चर्च का एक हिस्सा है । परंतु जितने आदिवासी बच्चे इस हॉस्टल के अंदर रहते हैं यह सारे सरकारी स्कूल में पढ़ने जाते हैं।
जिला अस्पताल बीजापुर सिविल सर्जन डॉक्टर ध्रुव ने बताया कि यशवंत खजूर को 3/7/23 को 9:00 बजे लाय गया था ब्राउन जी कंडीशन में था बच्चा उस समय पेट में चोट लगी थी । इलाज हुआ जिला अस्पताल में ड्रिप लगा ऑक्सीजन लगा सोनोग्राफी, एक्स्रा भी हुआ ट्रैक्टर से गिरने की बात पता चली थी जल्दबाजी में इलाज चला इसलिए पुलिस को सूचना अस्पताल परिसर से नहीं दी । बच्चे को बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था
जिले में कई जगह हॉस्टलों का संचालन मिशन के द्वारा किया जा रहा है । आदिवासी बच्चे इन होटलों में अपनी पढ़ाई के लिए है । जबकि हॉस्टल के किसी भी तरह कि जानकारी हॉस्टल संचालित हो रहे हैं । तो संचालन करता की मानसिकता इन बच्चों के लिए क्या है यह बड़े ही सोचने समझने और जांच का विषय है । कि आखिरकार जिले में वैधानिक संस्था क्यों जबकि जिला प्रशासन की आश्रम, पोटाकेबिन ,छात्रावास कई है परंतु मिशन में ही बच्चे परिजन पैसे देकर हॉस्टल में रखवा कर आखिरकार क्या वजह रही होगी । जब इस विषय मे होस्टल संचालक फादर से चर्चा की गई तो उन्होंने स्थानीय बड़े नेता का हवाला देते हुए कहा की कुछ नहीं होगा खबर लिखने पर ।
कोतवाली प्रभारी सुरेंद्र यादव से जब जानकारी ली गई तो उनके द्वारा कहा गया कि अगर एक्सीडेंटल केस है तो अस्पताल से एमएलसी रिपोर्ट आती है तब एफ आई आर होती है परंतु इस घटना में ऐसा कोई रिपोर्ट नहीं पहुंची ।
सहायक आयुक्त बीजापुर केएस मसराम ने कहा कि मिशनरी का संचालन है परंतु किसी हॉस्टल होने की खबर अब तक विभाग को नहीं मिली है अगर हॉस्टल का संचालन भी हो रहा है तो अवैध है ।