Raigarh. टावर लगाने के नाम से ऑनलाइन ठगी करने वाले अन्तरर्राज्यीय गिरोह के मुख्य सरगना सहित पांच लोगों को पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी ग्राफिक्स डिज़ाइनर है जी वजह से फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनाने में वह माहिर है। पुलिस ने पूर्व में इस गिरोह के 22 सदस्यों को गिरफ्तार कर रायगढ लाया गया था जिसमे 14 युवतियां व 8 युवक शामिल थे। फर्जी कॉल सेंटर चला कर पति पत्नी देश के अलग अलग राज्यो में ठगी का काम कर रहे थे। इस तरह पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने में पुलिस को सफलता मिली है।
रायगढ जिले के पुसौर थाना क्षेत्र में टावर लगाने के नाम पर एक किसान से ऑनलाइन ठगी करने का मामला सामने आया था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। सायबर सेल को जानकारी मिली कि कोलकाता में एक कॉल सेंटर से इस तरह ठगी का कारोबार हो रहा है। पुलिस की टीम ने कोलकाता में दबिश देकर इस गिरोह के संचालित फर्जी कॉल सेंटर से शुरुवात में 8 युवकों को गिरफ्तार किया गया था वही एक सप्ताह बाद 14 युवतियां जो इस गिरोह के कॉल सेंटर में काम करती थी उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वही मास्टर माइंड मुख्य सरगना वरुण सिंह व उसकी पत्नी सलोनी जो पूरे गिरोह को संचालित कर रहे थे वे फरार हो गये थे। इनके साथ तीन अन्य लोग भी फरार थे। पुलिस ने मुख्य सरगना को गिरफ्तार करने लगातार नज़र रख रही थी और आरोपियों की बेटी के स्कूल पर नज़र रखी गयी जिससे आरोपी वरुण उसकी पत्नी सलोनी व दो अन्य लोग को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली। पुलिस ने मुख्य सरगना वरुण सिंह उसकी पत्नी सलोनी व वरुण का भाई रजनीश एवम उसकी पत्नी मधु सहित एक अन्य सहयोगी असीमा रॉय को गिरफ्तार कर रायगढ़ लाया गया है। रायगढ़ एसपी अभिषेक मीना ने बताया कि मुख्य सरगना वरुण सिंह पूर्व में एक फर्जी कंपनी में ही ग्राफिक्स डिजाइनर का काम करता था उसके बाद उसमें स्वयम का काम शुरू किया और कोलकाता में फर्जी कॉल सेंटर संचालित करते हुए ऑनलाइन ठगी के कारोबार में करोड़ो रुपय कमाये है। छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश में भी इस गिरोह खिलाफ ठगी के कई मामले दर्ज है सभी की पतासाजी कर उन मामलों में भी आरोपियों की गिरफ्तारी कराई जावेगी। आरोपियों के पास से मोबाइल व लेपटॉप जब्त किया गया है। वही इनकी गिरफ्तारी के बाद पूरे गिरोह का खत्म कर दिया गया है। वही 9 तारीख तक सभी आरोपियों को रिमांड पर पूछताछ के लिए लिया गया है।