ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों की साशकिय भूमी पर दबंगों ने कर लिया अवैध कब्ज़ा, राजस्व अमला मौन
सागर/ आपने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के मामले के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन यह सुना है कि जुर्माना देकर सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा सकता है। लेकिन ऐसा हो रहा है। सागर में। यहां के गांवों में छोटी घास और बड़ा झाड़ की जमीन गायब हो गई है। गांवों में कई हैक्टेयर जमीन पर कब्जा हो गया है। वर्षों से कब्जा करके बैठे अवैध कब्जाधारी दबंगों ने अपना अधिपत्य मान लिया है। मामूली जुर्माना भरकर लाखों की कीमती सरकारी जमीन पर कब्जा करके लाभ उठाया जा रहा है। तालाब, तलाई हो या फिर शासकीय गोहे हो या फिर सड़कों की साइड की जगह सब जगह लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। कहीं तो अतिक्रमण वाली जमीन पर लोग खेती कर फायदा भी उठा रहे हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में तो चरनोई की भूमि ही नहीं बची है। इस कारण मवेशी फसलों का नुकसान करते हैं। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं। इसके अलावा जहां भी लोगों को खाली शासकीय जमीन दिखती है उसे कब्जे में लेकर अतिक्रमण कर लेते हैं। कुछ लोगों ने तो धंधा तक बना लिया है। पहले जमीन पर कब्जा करते हैं फिर कुछ दिन कब्जा रखते हैं और फिर कब्जे वाली जमीन को बेच देते हैं।
क्यों होती थी छोटी घास की जमीन
हर ग्राम पंचायत के पास छोटी घास की जमीन होती है। दरअसल यह जमीन का उपयोग पहले मवेशियों के चरने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके अलावा पंचायत में यदि कोई सरकारी योजना के तहत भवन या कोई निर्माण होना होता था तो इस जमीन का उपयोग किया जाता था।
दो-तीन साल में भरते हैं जुर्माना
छोटी घास और बड़ा झाड़ की जमीन पर कब्जा जमाए बैठे लोग एक-दो साल के अंदर मामूली जुर्माना भर देते हैं। इस जुर्माने को भरने के बाद कब्जाधारी अपने आपको सरकारी जमीन का मालिक समझने लगते हैं जबकि जुर्माना जमा करने वाली रसीद की आखिरी लाइन में ही लिखा होता है कि अर्थदंड अधिरोपित किया जाकर अतिक्रमण की गई भूमि से बेदखल किया जाता है।
रीड न्यूज़ की पड़ताल में कुछ गांवों के अवैध कब्जाधारियों के नाम सामने आए हैं जिनमें से एक सागर के जैसीनगर तहसील के ग्राम पंचायत सोमला में 0.42 हैक्टेयर सशकीय भूमी पर रामवती उर्फ रामबाई पति सत्यनारायण कुर्मी अवैध कब्ज़ा किए हुए हैं, जिसकी सूचना ग्रामवासियों ने हल्का 19 के पटवारी से की थी, किसके बाद तहसील जैसीनगर के राजस्व अमले द्वारा उक्त भूमी का निरीक्षण कराया गया, जहां पर रामवती पति सत्यनारायण का अवैध कब्ज़ा पाया गया, परन्तु आज दिनांक तक अनावेदक के द्वारा उक्त भूमी पर से अपना कब्ज़ा नहीं हटाया गया है, अब देखना यह होगा कि इन दबंगों से राजस्व विभाग कब साशकीय भूमी को आज़ाद करा पाता है!