रायपुर/ महादेव सट्टा एक तरफ छत्तीसगढ़ के लिए किसी कलंक से कम नही तो वही दूसरी तरफ उसी सट्टा अपराध से जुड़े जेल कैदियों को महज 2 महीने के भीतर जमानत पर रिहा भी किया जा रहा है ।
दरअसल ये मामला सोमवार को हाई कोर्ट द्वारा लिए गए उस फैसले के संबंध में है जिसके बारे में छत्तीसगढ़ की जनता भी जानना चाहती है कि आखिर अपराधी पर इतनी कृपा क्यो?
ज्ञात हो कि शुक्रवार को हाईकोर्ट मजिस्ट्रेट नरेश कुमार चंद्रवंशी की बैंच से महादेव सट्टा मामले में धारा 420 के तहत गिरफ्तार नवीन बत्रा की जमानत याचिका स्वीकार कर ली गयी है ।ये नवीन वही है जो छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप्प के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल का काम संभलता था ।इतना ही नही नवीन बत्रा के आपराधिक रिकार्ड पर ध्यान दे तो आरोपी पहले भी छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में धारा 306 के तहत गिरफ्तार हो चुका है साल 2023 में उक्त शख्स ने हँसराज अग्रवाल को मौत के लिए उकसाने की भी सजा काटी है ।अब सवाल ये उठता है कि जब लगातार केन्द्र सरकार भी महादेव सट्टा से जुड़े तारो को खगालने में लगी है ऐसे में अपराधी प्रवृत्ति के नवीन बत्रा को जमानत पर रिहा करना सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाती है ?