दिल्ली/ 17 साल पहले नोएडा की एक कोठी में मिले नरकंकाल मामले में गिरफ्तार सुरेंद्र सिंह कोली और मोनिंदर पंढेर को इलाहबाद हाईकोर्ट ने आज दोषमुक्त कर दिया है। दोनों आरोपी को निचली कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी जिसके खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट में दायर की थी अपील। कई दिनों तक चली बहस के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। सोमवार को हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर दिया। गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने दोनों को 10 महीने पहले फांसी की सजा सुनाई थी।
इसके खिलाफ उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोठी D-5 के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को भी कोर्ट ने बरी कर दिया है। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की अदालत ने यह फैसला सुनाया। गौरतलब है कि सीबीआई ने निठारी कांड में 16 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में फांसी की सजा मिली थी, जबकि मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ दो मुकदमे में ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। दिसंबर 2006 में हुए इस कांड के खुलासे ने लोगों को हिला कर रख दिया था।
खास पॉइंट
निठारी कांड के मुख्य आरोपी को मिली राहत, कोर्ट ने दोनों आरोपियों को बरी करने का दिया आदेश.
सुरेंद्र कोली व मोनिंदर सिंह पंढेर को हाईकोर्ट ने किया दोषमुक्त, कोठी के पीछे 19 कंकाल बरामद होने से पुलिस ने किया था गिरफ्तार.