अब ऐसे मिलेगी भारत के लोगों को सस्ती और साफ बिजली, मोदी सरकार की नई पहल
नेशनल डेस्क। केंद्र की मोदी सरकार देश में लगातार स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है. इसी दिशा में अब उत्तर भारत के लोगों को एक और सौगात मिलने जा रही है. पर इस बार बिजली सोलर या पानी से नहीं बनेगी.देश में बिजली की खपत बढ़ रही है. घर-घर में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से लेकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों तक सभी का उपभोग बढ़ा है. ऐसे में केंद्र सरकार की पूरी कोशिश है कि देशवासियों को स्वच्छ और सस्ती बिजली मिलती रहे. इसलिए सरकार ने जहां बांध परियोजनाओं पर ध्यान दिया है, वहीं देशभर में सोलर एनर्जी पर अपना फोकस बढ़ाया है. अब उत्तर भारत में भी सरकार की कोशिश ऐसी ही साफ और सस्ती बिजली लोगों को उपलब्ध कराने की है, पर इस बार ये बिजली सोलर या पानी से पैदा नहीं होगी. केंद्र की मोदी सरकार हरियाणा में उत्तर भारत का नया आधुनिक परमाणु बिजली संयंत्र लगाने जा रही है. ये संयंत्र दिल्ली से महज 150 किमी दूर फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव में लगाया जाना है.
हरियाणा में फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव में लगने वाला ये परमाणु संयंत्र 1400 मेगावाट बिजली पैदा करेगा. इसमें 700 मेगावाट की दो यूनिट होंगी. इनमें से प्रत्येक में प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (PHWR) स्वदेशी डिजाइन है. इस परमाणु संयंत्र पर कुल 20,594 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है, जबकि इसमें से अब तक 4,906 करोड़ रुपये की राशि खर्च हो चुकी है.
परमाणु संयंत्र से मिलने वाली बिजली, कोयले से पैदा होने वाली बिजली की अपेक्षा काफी स्वच्छ होती है. वहीं परमाणु संयंत्र कई साल तक बिजली देता रहता है. ऐसे में लंबी अवधि में ये बिजली काफी सस्ती पड़ती है.
केंद्रीय परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि ये परमाणु संयंत्र पीएम मोदी के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धियों में से एक है. भारत की परमाणु क्षमता को बढ़ाने दिशा में सरकार ने कई क्रांतिकारी फैसले किए हैं. केंद्र सरकार ने देश में 10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए स्वीकृति दी है.
हरियाणा के गोरखपुर में बन रहा ये परमाणु संयंत्र इन्हीं 10 में से एक है. मोदी सरकार ने परमाणु ऊर्जा विभाग को देश में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों के साथ ज्वॉइंट वेंचर बनाने भी अनुमति दी है.