कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले विजय शाह की माफी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा “मगरमच्छ के आंसू”, SIT गठित

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह की कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी पर उनकी माफी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इसे “मगरमच्छ के आंसू” करार देते हुए मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ IPS अधिकारियों की विशेष जांच टीम (SIT) गठन का आदेश दिया है। यह टिप्पणी शाह ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कर्नल कुरैशी को “आतंकवादियों की बहन” कहकर की थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
जस्टिस सूर्या कांत और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने शाह की माफी को “नाटकीय” और “कानूनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश” बताया। जस्टिस कांत ने कहा, “आप एक जिम्मेदार राजनेता हैं। आपको अपने शब्दों का वजन समझना चाहिए। कोर्ट ने मध्य प्रदेश के DGP को निर्देश दिया कि 20 मई 2025 की सुबह 10 बजे तक तीन IPS अधिकारियों की SIT गठित की जाए, जिसमें एक महिला अधिकारी हो और नेतृत्व IGP रैंक का अधिकारी करे। दोनों अन्य सदस्य SP या उससे उच्च रैंक के होंगे। SIT को 28 मई तक पहली स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है। कोर्ट ने शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, बशर्ते वे जांच में पूरा सहयोग करें।

हाईकोर्ट का रुख और FIR:
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई 2025 को मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए शाह के बयान को “गटर की भाषा” और “सशस्त्र बलों का अपमान” करार दिया था। कोर्ट ने DGP को चार घंटे के भीतर FIR दर्ज करने का आदेश दिया, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 (राष्ट्र की संप्रभुता को खतरा), 196 (धार्मिक आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), और 197 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) शामिल हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि शाह का बयान न केवल कुरैशी, बल्कि पूरे सशस्त्र बलों के लिए अपमानजनक है और यह धार्मिक आधार पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ सकता है।