सर्व पिछड़ा वर्ग समाज ने किया प्रदर्शन, सात सूत्रीय मांगों को लेकर एकजुट हुए समाज के हजारो लोग
Report By: बिप्लब कुण्डू
पखनजुर/ सात सूत्रीय मांग लेकर सर्व पिछड़ा वर्ग द्वारा शनिवार को एकदिवसीय बन्द का आव्हान किया गया था। जिसका समर्थन करते हुए बड़गांव, कापसी, पखांजुर, बांदे और छोटेबेठिया में स्वतःपुर्ण दुकानें बंद रही। सर्व पिछड़ा वर्ग समाज द्वारा बड़गांव रंगमंच में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां सभी वक्ताओं ने अपनी अपनी बातें मंच के माध्यम से की।एक तरीके से सरकार के ख़िलाप जमकर आक्रोश समाज का पदाधिकारीओ के सम्बोधन में सुनने को मिला। राजेन्द्र जैन, सांतोस जायसवाल, सालिक राम नेताम, प्रताप जैन, प्रभु पांडे, खोमन लाल साहू समेत तमाम वक्ताओं ने कहा कि सर्व पिछड़ा वर्ग कोई अधिक मांगो को लेकर आंदोलनरत नही है अपितु मात्र सात सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले लंबे अरसे से प्रदर्शन कर रहा है।
यह भी देखे- ’मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’, पर्यावरण संरक्षण के साथ होगा मृदा संरक्षण
बावजूद मात्र सात मांगो को पूरा करने में सरकार के हाथ पांव क्यों फूल रहे है यह समझ से परे है। भानुप्रतापपुर, कांकेर, चारामा समेत विभिन्न जगहों पर हजारो की संख्या में सर्व पिछड़ा वर्ग ने एकजुटता के साथ गूंगी और बहरी हो चुकी सरकार को कुम्भकर्णी नींद से जगाने का प्रयास किया परन्तु सरकार जागने का नाम नही ले रही। सर्व पिछड़ा वर्ग समुदाय के मांगो को इसी तरह नजरअंदाज किया तो निश्चित ही आगामी चुनाव में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। समाज के इस प्रदर्शन पर क्षेत्रीय सर्व आदिवासी समाज के प्रमुखों ने भी सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के कार्यक्रम का समर्थन किया और मांगो को जायज बताया। मंच के माध्यम से अमृत टांडिया, गजेंद्र उसेंडी, बलि वड्डे, शम्भु नाथ सलाम, रामसाय पोटाई ने कहा कि सर्व पिछड़ा वर्ग समुदाय भी आदिवासी की तरह मूलनिवासी है। उनकी मांगों को लेकर सरकार को चिंतन करना चाहिए और मांगो को अमल में लाने हेतु जल्द कोई पहल करनी चाहिए। परन्तु छत्तीसगढ़ की कांग्रेस और केंद्र की भाजपा सरकार एसटी, एससी और ओबीसी को सिर्फ ठगने का काम कर रही है। सिर्फ वोट बैंक की तरह आश्वासन का झुनझुना थमाने का काम कर रही है, जो कि असहनीय है।
सर्व पिछड़ा वर्ग समाज द्वारा बड़गांव रंगमंच से पानी टँकी तक रैली निकालने के बाद गांधी चौक में नायाब तहसीलदार भारत लाल ब्रम्हे को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस कार्यक्रम के चलते बड़गांव और बांदे में लगने वाला साप्ताहिक बाजार बन्द रहा। इस दौरान सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के कुम्हार, कलार, तेली, विश्वकर्मा समेत तमाम वर्गों से दो हजार से अधिक संख्या में पिछड़ा वर्ग के लोग शामिल हुए।
यह भी देखे- राज्य सूचना आयोग में अधिकारियों-कर्मचारियों ने ली सद्भावना की शपथ
ये है प्रमुख मांगे– छ.ग. राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के 52 प्रतिशत आबादी के आधार पर 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। छ.ग. राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का स्वतंत्र मंत्रालय की स्थापना की घोषणा की गई है, जिससे तत्काल लागू किया जावें। बस्तर संभाग के प्रत्येक जिले में वर्तमान में लागू 14 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण रोस्टर शत प्रतिशत लागू किया जावे। जिससे वर्तमान में हो रही विभागीय भर्तीयों में अन्य पिछडा वर्ग के अभ्यार्थीयों के साथ न्याय हो सके। बस्तर संभाग के अन्य पिछड़ा वर्ग को परंपरागत वनवासी होने के नाते पांचवी अनुसूची में शामिल किया जाए। राज्य में बस्तर संभाग के त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में भारत सरकार के जनसंख्या गणना के आधार पर जिन ग्राम पंचायतों में अन्य पिछड़ा वर्ग की बहुलता है, ऐसे ग्राम पंचायतों में सरपंच का पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया जाए । छ.ग. सरकार एवं भारत सरकार द्वारा बस्तर संभाग में संचालित प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की पढ़ाई हेतु सभी आश्रम छात्रावास में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र, छात्राओं के लिए स्वतः 27 प्रतिशत आरक्षण और छात्रवृत्ति एक समान दिया जाए । बस्तर संभाग में होने वाले समस्त भर्तियों में बस्तर के स्थानीय लोगों को भर्ती में लिया जावे।