रायपुर। इतिहास गवाह है, सत्ता की सीढ़ी तक पहुंचाने में राजनीतिक यात्राओं का बड़ा योगदान रहा है । मौजूदा चुनावी वर्ष को राजनीतिक यात्राओं के रूप में भी जाना जाएगा । राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन ने विभिन्न यात्राएं करी है । जिसमें किसान जोड़ो यात्रा, युवाओं को जोड़ने यात्रा, पीसीसी चीफ का कोंडागांव से दंतेवाड़ा तक यात्रा शामिल है। इसी कड़ी में अब हाथ से हाथ जोड़ों यात्रा शुरू की जा रही है। कांग्रेस इसमें मोदी सरकार की नाकामी और भूपेश सरकार की उपलब्धियां गिनाएंगे । वही भाजपा इस यात्रा को कांग्रेस सरकार की नाकामी छुपाने वाली यात्रा बता रही है।
दरअसल राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा शुरू हो रही है। कांग्रेस की यह पद यात्रा पूरे प्रदेश में 2 महीने तक चलेगी। यात्रा में राहुल गांधी का संदेश लोगों तक पहुंचाएंगे। इसमें केंद्र की मोदी सरकार की नाकामियां खासकर महंगाई और बेरोजगारी के मामले को जनता के बीच लेकर जाएंगे।साथ ही आरक्षण संशोधन विधेयक में राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए जाने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराएंगे। इसके अलावा कांग्रेस के नेता भूपेश सरकार की उपलब्धियों को लेकर घर- घर जायेंगे। और नुक्कड़ सभा के माध्यम से जिन उद्देश्यों को लेकर राहुल गांधी चल रहे है | उन उद्देश्यों को जनता को बतायेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि इस यात्रा के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार की नाकामियां और राज्य की भूपेश सरकार की उपलब्धियां जनता को बताएंगे।
वहीं भाजपा ने कांग्रेस की हाथ जोड़ों यात्रा पर तंज कसा है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के राज में छत्तीसगढ़ में हाथ-पैर तोड़ो कार्यक्रम चल रहा है, जिस छत्तीसगढ़ की पहचान जो हमारी भारतीय सनांतन संस्कृति की है, जो आदिवासी जनजाति संस्कृति है, उस पर हमला किया जा रहा है । उनको जेल की सलाखो के पीछे भेजा जा रहा है । पूरे प्रदेश की जनता को रासुका का डर दिखाया जा रहा है, वो अगर हाथ जोड़ने की बात करते हैं, तो ये बेमानी है । ये कांग्रेस के कल्चर में नहीं है। कांग्रेस ने हमेशा फूट डालो राज करो, जो अंग्रेजो की रणनीति रही है। ये चुनावी वर्ष है। इसलिए ये वोट बटोरने के लिए हाथ जोड़ो यात्रा निकाल रहें है । चार वर्ष में इनसे जो गलतियां हुई है, चाहे शराब बंदी को लेकर, चाहे बेरोजगारी भत्ता को लेकर, चाहे ऋण माफ़ को लेकर, चाहे सांप्रदायिक तनाव जो इस प्रदेश में बना हुआ है, जो बीजेपी की सरकार के समय नहीं हुआ करता था। इसका कोई औचित्य नहीं, ये अपनी जमीन ढूंढने निकल रहें हैं। लोगों के सामने गिड़गिड़ाने के लिए ये हाथ जोड़ो यात्रा निकल रहें। कांग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ों यात्रा पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का कहना है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा निकाल रही है और कांग्रेस सरकार की कारगुजारी से तंग जनता उनसे हाथ जोड़कर बक्श देने की अपील कर रही है।
बहरहाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहते हुए सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में तत्कालीन रमन सरकार के खिलाफ खूब पदयात्रा कर पसीना बहाए थे, जिसका परिणाम 15 साल बाद सत्ता में वापसी के रूप में मिला । अब देखना दिलचस्प होगा कि हाथ से हाथ जोड़ों यात्रा कांग्रेस को फिर से सत्ता में काबिज होने के लिए कितना कारगर साबित होती है या भाजपा के आरोपों के अनुरूप जनता इनसे हाथ जोड़ लेती है |