रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर अब राजनैतिक बवंडर विकराल रूप ले रहा है. कांग्रेस भाजपा सदन से लेकर सड़क की लड़ाई करती नज़र आ रही है. एक तरफ जहां कांग्रेस लगातार राज भवन पर हमला कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी इसमें कांग्रेस की गलती साबित करने पर तुली हुई है. कल जहां कांग्रेस ने जन अधिकार महारैली में राज्यपाल पर कई आरोप लगाए तो वही भारतीय जनता पार्टी ने अब क्वान्टीफाईबल डाटा की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है और इसे लेकर आज एक धरने का भी आयोजन किया। इन सब के बीच कांग्रेस भाजपा के नेताओं के तीखे बोल भी सामने आये है.
छत्तीसगढ़ में दिसंबर के महीने में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया इस सत्र में सर्वसम्मति से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित हुआ जिसके बाद सवाल-जवाब का सिलसिला भी चला राजभवन ने सरकार से सवाल पूछे सरकार ने इसका जवाब भी दिया मगर इन सबके बाद भी अब तक इस विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए इसलिए करें दोनों ही पार्टियां आरोप-प्रत्यारोप तीर एक दूसरे पर चला रही है। इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार क्वांटिफिएबल डाटा की रिपोर्ट सदन में रखे , उसको राजभवन भेजें और उसे सार्वजनिक करें… आरक्षण के हम समर्थन में है और आरक्षण इस प्रदेश में जल्द से जल्द लागू हो.
वही कांग्रेस ने भी भाजपा के आरोपों का जवाब दिया है और कहा है कि आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी का धरना भाजपा की बेशर्म नौटंकी है सारा प्रदेश जान रहे कि आरक्षण संशोधन विधेयक राजभवन में भारतीय जनता पार्टी के इशारों पर रुका हुआ है भारतीय जनता पार्टी के शुद्ध राजनीतिक रवैया के कारण आरक्षण संशोधन विधेयक राजभवन में अटका हुआ है उसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी इस विधेयक को लेकर के धरना दे रही है यह भारतीय जनता पार्टी की बेशर्मी है सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अगर आप में जरा सी भी नैतिकता बची है आप राजभवन से कहिए कि जाकर के तुरंत इसमें हस्ताक्षर करें
अब यह बताना मुश्किल है की विधेयक पर हस्ताक्षर कब होगा। लेकिन इन सब के बीच कांग्रेस भाजपा की ज़ुबानी जंग से मामला की गर्माहट बढ़ती जा रहे है