राजनांदगांव /सड़क सुनने में मात्र एक शब्द लग सकता है। यही सड़क यदि गांव में बने तो वह गांव तुरंत ही शहर से जुड़ जाता है, जिससे ग्रामीणों का विकास सुनिश्चित होता है। विकास की इसी परिभाषा को शहर की सड़कें, प्रदेश की सड़कें और फिर देश की सड़कें अपने-अपने ढंग से लिखती चली जाती है।
PWD (पीडब्लूडी) को लोक निर्माण विभाग केहते है. पीडब्लूडी विभाग का काम इन्हीं सड़कों को बनाना है, इसके अतिरिक्त भी अन्य काम है जो पीडब्ल्यूडी विभाग करता रहता है, फिलहाल विषय सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर है.
लोक निर्माण विभाग मे उस वक्त हड़कंप मच गया जब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश महासचिव व प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य नवीन अग्रवाल के नेतृत्व में लोक निर्माण विभाग के अनुविभाग क्रमांक 2 मैं नवनिर्मित
बेलरगोंदी-सीताकसा सड़क निर्माण में सड़क की गुणवत्ता को लेकर शहर अध्यक्ष शमशुल आलम एवं अन्य पदाधिकारियों ने सवाल उठाए, साथ ही दफ्तर का घेराव किया।
प्रदेश महासचिव नवीन अग्रवाल ने बताया कि सड़क का निर्माण गुणवत्ताहीन हुआ है, ठेकेदार और अधिकारी इसी गुणवत्ताहीन सड़क का बिल पास कराने मे लगे हुए हैं।
प्रदेश महासचिव ने बताया कि बेलरगोंदी-सीताकसा सड़क के
निर्माण का कार्य जिस चित्रकूट कंस्ट्रक्शन को दिया गया है उसके पास ना डामर प्लांट है ना ही डब्ल्यूएमएम प्लांट। प्रदेश महासचिव नवीन अग्रवाल ने विभाग में कमीशन खोरी और चित्रकूट कंस्ट्रक्शन को बचाने का आरोप लगाया है।
सड़क निर्माण में गुणवत्ता को लेकर उठाए अपने सवाल पर प्रदेश सचिव नवीन अग्रवाल ने ग्रेडियेशन की जांच के साथ, डामर की मोटाई और मात्रा की जांच की शिकायत करने पर भी उनके समक्ष जांच नहीं कराई।दस दिनों में जांच की कार्यवाही विभाग द्वारा नहीं किए जाने के उपरांत विभागीय मंत्री का पीडब्ल्यूडी दफ्तर के सामने पुतला दहन करने की बात अग्रवाल ने कही है।
निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान देकर ही किसी कार्य को विकास के रास्ते से जोड़ा जाना संभव होता है।