एक दुकान से दूसरी दुकान जा रही शराब का परमिट रोकें: मिश्रा
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी चुनाव निर्वाचन आयोग संपर्क समिति के संयोजक डॉ. विजय शंकर मिश्रा एवं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से शिकायत करते हुए आयुक्त आबकारी विभाग (विशेष सचिव स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन को हटाते हुए उनके स्थान पर छत्तीसगढ़ में निष्पक्ष विधानसभा चुनाव पूर्ण होने तक भारत सरकार या अन्य राज्य के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की पद स्थापना करने की मांग की है।
भाजपा नेता केदार गुप्ता एवं विजय शंकर मिश्रा ने शिकायत में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन की शराब दुकानों में वैधानिक शराब बिक्री को रोकने हेतु सभी शराब दुकानों में सीसीटीवी तथा ट्रैक एंड ट्रैक सिस्टम लगाया गया था। किंतु दुकान का सीसीटीवी तथा ट्रैक एंड ट्रैक सिस्टम खराब है। इन्हें ठीक कर चालू नहीं किया जा रहा है। शराब दुकानों से अवैध शराब दुकान के सेल्समैन के द्वारा शराब बेची जा रही है जो कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उपयोग की जा रही है। इस प्रकार की गलत बिक्री को उपर्युक्त अधिकारी नहीं रोक पा रहे हैं और शराब दुकान का चुनाव में दुरुपयोग सरे आम हो रहा है। पूर्व में आयुक्त आबकारी विभाग (विशेष सचिव स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी पर भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय में अपराध पंजीबद्ध हुआ तथा कुछ आरोपी जेल में हैं। पूर्व में हुई परिवर्तन निदेशालय की जांच में छत्तीसगढ़ राज्य में भ्रष्टाचार को सत्यापित करती है तथा शराब भ्रष्टाचार का मामला वर्तमान में न्यायालय में है।
भाजपा नेताओं ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए जिस तरह से शराब का परिवहन एक दुकान से दूसरी दुकान के लिए हो रहा है, वह काफी गंभीर मामला है। छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले को देखते हुए पूरी आशंका है कि सरकार के दबाव में शराब दुकानों से शराब का अवैध परिवहन हो रहा है। इनके परमिट रोके जाने चाहिए।
भाजपा नेता केदार गुप्ता एवं विजय शंकर मिश्रा ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को भी बदले जाने की मांग निर्वाचन आयोग से की है। शिकायत में कहा गया है कि राज्य के पुलिस प्रमुख सरकार से उपकृत हैं इसलिए अवैध गतिविधियों को रोकने की उनसे अपेक्षा करना व्यर्थ है। उन्हें तत्काल प्रभाव से राज्य के पुलिस प्रमुख के दायित्व से मुक्त किया जाए।