रायपुर। विधानसभा में तीसरे दिन भी हंगामे से भरा रहा जिसके बाद शीतकालीन सत्र निर्धारित समय से दो दिन पहले समाप्त हो गया है ।भाजपा ने प्रश्नकाल में पांच हजार करोड़ के चावल घोटाले का आरोप लगाया, जिसके बाद पहले दस मिनट के लिए फिर एक घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित की गई । इसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई, तब भी हंगामा जारी रहा । विपक्ष की ओर से पर्चा फाड़कर आसंदी की ओर फेंकने की घटना भी हुई । इसके बाद कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई ।
प्रश्नकाल से ही भाजपा आक्रामक रही। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के चावल वितरण में घोटाले का आरोप लगाते हुए भाजपा ने हंगामा किया । सरकार के जवाब से नाराज भाजपा विधायक गर्भगृह में उतर गए और निलंबित कर दिए गए । विधानसभा की कार्यवाही भी राेकनी पड़ी। दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो भी हंगामा जारी रहा । ऐसे में दूसरी बार सभा की कार्यवाही रोकनी पड़ी । तब तक भाजपा विधायक गर्भगृह में धरना देकर बैठे रहे । तीसरी बार कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कार्यसूची में बदलाव कर दिया । एक दिन बाद प्रस्तावित विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन को भी सूची में शामिल कर लिया गया । तीसरी बार कार्यवाही इस कार्यसूची से शुरू हुई । यह देखकर भाजपा ने विरोध शुरू कर दिया । विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इसे विपक्ष का अपमान बताया । इसी हंगामे के बीच सरकार ने दो विधेयक पेश किये । उनको चर्चा के बिना पारित करा लिया गया । उसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन की घोषणा हुई और सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया ।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को एक पत्र लिखा, इसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर सीधे आरोप लगाए । चंदेल ने लिखा आज आपने विपक्ष को सदन में निलंबित स्थिति में रखकर और सदन को बार-बार स्थगित कर हमारे कार्य करने के अधिकार से वंचित रखा है । बाद में आपके द्वारा पूरक कार्यसूची जारी कर 6 जनवरी 2023 तक चलने वाले सत्र को 4 जनवरी को ही समाप्त कर दिया । चंदेल ने लिखा, आपकी इस कार्यप्रणाली से विपक्ष अपने आप को अपमानित महसूस कर रहा है । आज के बाद विधानसभा के किसी भी आयोजन में हमारी भागीदारी की अपेक्षा न रखेंगे । बतादें कि विधानसभा परिसर में बुधवार शाम को उत्कृष्ट अलंकरण समारोह आयोजित है । इसमें उत्कृष्ट विधायक का सम्मान किया जाना था । नेता प्रतिपक्ष की चिट्ठी के बाद भाजपा विधायकों ने इस आयोजन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है ।