सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता, 3 किलोग्राम आईडी बम बरामद
पखांजुर-कांकेर/ नक्सल इलाके गुमड़ीडीही और बड़गांव में नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी लगाया था, जिसे ग्रामीणों ने देखा और पुलिस को बताया। कांकेर में एक बार फिर जवानों को नक्सल मोर्च पर बड़ी सफलता मिली है. इस बार जवानों की मदद ग्रामीणों ने भी की. गुमड़ीडीही और बड़गांव रोड से गुजर रहे लोगों ने एक टिफिन देखा. ग्रामीणों को इसमें नक्सली साजिश नजर आई. तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी दलबल के साथ दुर्गूकोंदल पुलिस और बीडीएस की टीम मौके पर पहुंची।
कांकेर में स्थापना सप्ताह के दौरान नक्सलियों की साजिश:
नक्सली हर साल 21 सितंबर से 28 सितंबर के बीच स्थापना सप्ताह मनाते हैं. अभी स्थापना सप्ताह जारी है. इस बीच नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में रहते हैं. इसी को देखते हुए पुलिस और सुरक्षाबल के जवान हाई अलर्ट पर है और लगातार सर्चिंग अभियान चला रहे हैं. दुर्गुकोंदल थाना क्षेत्र अंतर्गत कोंडे गांव के स्टेट हाइवे 25 में एक डिब्बा दिखने की सूचना मिली. मौके पर दुर्गुकोंदल पुलिस पहुंची और डिब्बे की जांच की तो पता चला कि उसमें नक्सलियों ने आईईडी रखा हुआ है. 3 किलो का आईईडी टिफिन में रखा हुआ था. पखांजूर की बीडीएस टीम को बुलाया गया और आईईडी को वहीं डिफ्यूज किया गया है। ग्रामीणों की सूचना पर दुर्गुकोंदल पुलिस पहुंची, सर्चिंग के दौरान 3 किलो का आईईडी मिला. बीडीएस की टीम ने आईईडी को डीफ्यूज कर दिया है। आसपास के इलाकों में सघन सर्चिंग की जा रही है।एडिशनल एसपी प्रशांत शुक्ला
कांकेर में 3 साल में आईईडी मिलने की घटनाएं:
उत्तर बस्तर कांकेर जिले की बात करे तो पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 3 साल में सुरक्षा बलों ने 146 आईईडी बरामद किया है. साल 2020 में सबसे ज्या 88 आईईडी बरामद किया गया था। साल 2021 में यह संख्या घटकर 30 पहुंच गई,साल 2022 में सिर्फ 9 आईईडी बरामद कर जवानों ने नष्ट किया. 3 साल में आईईडी की चपेट में आने से 12 से ज्यादा जवान जख्मी हुए।एक ग्रामीण की जान गई,सबसे ज्यादा आईईडी कोयलीबेड़ा और अंतागढ़ ब्लॉक के जंगल और सड़क किनारे से बरामद किया गया है।कहीं टिफिन बम तो कहीं पाइप बम जवानों ने बरामद किया है।