अपनी मधुर आवाज के लिए ‘बिहार कोकिला’ के नाम से प्रसिद्ध पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का आज निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। एम्स ने शारदा सिन्हा के निधन की पुष्टि की है। वह 11 दिनों से एम्स में भर्ती थीं।
वह पिछले छह वर्षों से ब्लड कैंसर से जूझ रही थीं। पिछले दिनों उनकी तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को एम्स में भर्ती किया गया था।
शारदा सिन्हा को सोमवार रात से दिल्ली के एम्स में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने दोपहर को ही इस बारे में जानकारी दी थी।
पीएम मोदी ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट कर कहा, सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लोक गायिका के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि बिहार कोकिला शारदा सिन्हा ने मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका के अलावा हिंदी गीत भी गाए थे। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में भी आवाज दी है। उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थीं शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा वर्ष 2018 से मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थीं। यह एक तरह ब्लड कैंसर है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को एम्स के कैंसर सेंटर में भर्ती किया गया था। तब उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा था। बाद में उनके स्वास्थ्य में सुधार होने पर उन्हें प्राइवेट वार्ड में स्थानांतरित किया गया था।