छत्तीसगढ़

आखिर कब बदलेगी जिला अस्पतालजीपीएम, की बदहाली की तस्वीरे पूछता है जीपीएम

आज विश्व पटल पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी दुनिया मान रही है, भारत के प्रधानमंत्री आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरत को पूरा करने की दिशामें रात दिन काम कर रहे हैं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रदेश की जनता के लिये लाख जतन कर आम आदमी के विकास और संवर्धन पर लगातार जोर दे रहे हैं, पर ना जाने जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के जिला अस्पताल की बदहाली की तस्वीर क्यों नहीं बदल रही है, आज भी यह बात जिले वासियों के दिल को कचोट जाता है, जिले में तमामशासन प्रशासन के सक्षम जिम्मेदार अधिकारीकर्मचारी, जनप्रतिनिधि है, उसके बावजूद जिला अस्पताल मे संसाधन की कमी अस्पताल की बदहाली कई सवाल को पैदा करता है, न जाने जिला अस्पताल में मनमानी और लापरवाही का बिगुल कब तक बजेगा, न जाने कौन सा महान पराक्रमी करन का कवचकुंडल जिला अस्पताल प्रबंधन को मिल गया है, न जाने ऐसा कौन सा अभेद ब्रह्मास्त्र जिला अस्पताल के सक्षम अधिकारियों को मिल गया है जो आम जनता की दुख पीड़ा व्यथा को मानवी संवेदनाओंको समझ नहीं पा रहे हैं, आमआदमी की तकलीफों को देखकर बार-बार अपनी फरियाद करने के बाद भी हमेशा कुंभकरण की गहरी निद्रा में लीन रहते हैं, कहीं ना कहीं जिला बनने के बाद लोगों को यह उम्मीद हो गई थी कि आम आदमी के लिए विकास की गंगा निरंतर बहेगा, जिला बने 4 साल से भी ज्यादा समय हो गया है, दिन-ब-दिन जिला अस्पताल की जो तस्वीर निकल कर आ रही है, वह हकीकत बयां कर रही है, कि वास्तविक कहानी क्या है, सरकार करोड़ों रुपए की योजना बनाकर विकास की गंगा बहाने की दावा तो करती है, पर विकास की गंगोत्री का पानी आम जन तक नहीं पहुंच पा रहा है, इसकी जमीनी हकीकत आम आदमी तलासता है , तो उसे हताशा और निराशा के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होता, जो विकास के नाम पर दावा करने के उपर करारा तमाचा है, आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरत चिकित्सा सुविधा ही अगर उपलब्ध न हो तो यह माना जा सकता है कि यहा भगवानभरोसे व्यवस्था है,जो आज के समयमें जिला गौरेला पेड्रा मरवाही के जिला चिकित्सालय में ईलाज करने वाले आम आदमी के लिए एक यक्ष प्रश्न रहकर रह गया है, जिसका भगवान जाने उत्तर कब मिलेगा, यह भी एक गूढ रहस्य माना जा सकता है,

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