आत्मसमर्पित माओवादियों को मिल रहा रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण, कृषि एवं पशुपालन से बदलेगा जीवन

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 केवल आत्मसमर्पण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन युवाओं को नवजीवन देने का प्रयास है, जो कभी भटकाव के रास्ते पर चले गए थे। हमारा उद्देश्य है कि वे आत्मनिर्भर बनें, सम्मानजनक जीवन जिएं और समाज के लिए प्रेरणा बनें।
कलेक्टर श्री देवेश कुमार धु्रव ने बताया कि यह केवल पुनर्वास नहीं, बल्कि मुख्यधारा में लौटे युवाओं के लिए स्थायी आजीविका की दिशा में एक ठोस कदम है। लाइवलीहुड कॉलेज की नोडल अधिकारी सुश्री मधु तेता ने जानकारी दी कि प्रशिक्षण के बाद इन युवाओं को स्वरोजगार हेतु शासन से आवश्यक सहायता भी प्रदान की जाएगी। राज्य शासन की यह पहल न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापित कर रही है, बल्कि युवाओं को एक सकारात्मक भविष्य की ओर अग्रसर कर रही है।