सी एम भूपेश बघेल की वो योजना जो बनाती है उन्हें सबसे खास,अन्न दाता का सम्मान करने वाला पहला प्रदेश
रिसर्च डेस्क/छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री आज पूरे देश मे अलग पहचान बनाये हुए है ।जिसके पीछे उनकी वो योजनाएं हैं जिसने पूरे प्रदेश को एक नई पहचान दी ।हम हर रविवार आपको बताएंगे भूपेश बधेल की उन योजनाओं के बारे में जिसका लाभ आप सभी ले सकते है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की पुण्यतिथि पर 21 मई 2020 को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की जिसके माध्यम से सरकार किसानों को धान के समर्थन मूल्य अंतर की राशि के साथ खेती को बढ़ावा देने आर्थिक सहायता राशि प्रदान करती है। जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसल की सही कीमत दिलाना है।
9000 रुपये मिलता है प्रति एकड़
-राजीव गांधी किसान न्याय योजना को प्रदेश के हर जिले में लागू किया गया है। जिसके माध्यम से राज्य भर के किसानों को 9000 रु प्रति एकड़ सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसका लाभ उन सभी किसानो को मिल रहा है जो अपनी जमीन पर मक्का,कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर, तथा गन्ना उत्पादन करते है। ऐसे किसान जो संस्थागत भू– धारक, रेगहा, बटाईदार और लीज पर खेती करते हैं या जिन किसानो के पास अपनी जमीन नहीं है और जो वन पट्टाधारी किसान हैं उन्हें भी ये लाभ मिलता है।
सरकार ने तय किया समर्थन मूल्य
साल 2020-21 में किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया और किसान को धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, केला, पपीता, आदि की फसल लागाता है या फिर वृक्षारोपण करता है तो उन्हे इस योजना के प्रति एकड़ ₹10000 आदान सहायता की राशि प्रदान की जाएगी.. सरकार द्वारा कोदो कुटकी की राशि ₹3000 प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है.
किसान न्याय योजना का बजट
ववृक्षारोपण करने वाले किसानों को 3 वर्ष तक सहायता राशि प्रदान की जाएगी.सरकार द्वारा किसान न्याय योजना का बजट ₹51000 करोड़ निर्धारित किया गया है.वित्त मंत्री द्वारा 2020-21 का बजट पेश करते हुए इस योजना को आरंभ करने का निर्णय लिया गया था.
योजना का क्या था उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों के उत्पादन में वृद्धि करना, किसानों को धान के अंतर की राशि का फायदा पहुंचाना है…इससे किसानों को खेती करने में मदद मिल रही है। जिससे वे खेती कर अच्छा मुनाफा कमाने के साथ ही साथ आत्मनिर्भर एवं सशक्त बन रहे है।
छत्तीसगढ़ सरकार गर्व से कह है कि हमारा प्रदेश कृषि प्रधान होने के साथ ही साथ अन्न दाता का सम्मान करने वाला पहला प्रदेश है ।