वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट विनय शर्मा को रायपुर प्रेस क्लब ने दी श्रद्धांजलि,

रायपुर। रायपुर प्रेस क्लब में बुधवार को वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट, पूर्व महासचिव और मानद सदस्य विनय शर्मा की स्मृति में शोक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पत्रकारों ने उपस्थित होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शोकसभा में प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने नई दुनिया अखबार में साथ रिपोर्टिंग के दौरान के संस्मरण साझा किए। उन्होंने कहा, “विनय शर्मा न केवल एक उत्कृष्ट फोटो जर्नलिस्ट थे, बल्कि बेहद संवेदनशील और शांत व्यक्तित्व के धनी थे। मैंने उन्हें कभी क्रोधित होते नहीं देखा। वे हमेशा सभी से प्रेम, आत्मीयता और सहजता से पेश आते थे।” उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष से वे विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन हर बार बीमारी पर विजय प्राप्त की। हाल ही में वे स्वस्थ प्रतीत हो रहे थे और प्रेस क्लब भी नियमित रूप से आ रहे थे। भाभी जी हमेशा उनके साथ रहती थीं। अचानक उनके अस्वस्थ होने की खबर आई और फिर उनके निधन का समाचार मिला, यह खबर सभी के लिए बेहद चौंकाने वाली और दुखद रही

प्रफुल्ल ठाकुर ने घोषणा की कि इस वर्ष प्रेस क्लब द्वारा आयोजित होने वाली फोटो प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता विनय शर्मा जी को समर्पित की जाएगी, जिसमें उनकी यादगार तस्वीरों की एक विशेष गैलरी भी लगाई जाएगी। यह आयोजन उनके प्रति प्रेस क्लब की श्रद्धांजलि होगी। सभा में प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष बृजेश चौबे ने कहा, “अपने नाम के अनुरूप विनयशील व्यक्तित्व के स्वामी थे। उनके साथ महासचिव के रूप में कार्य करते हुए कई यादगार अनुभव रहे।” वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार गिरीश पंकज ने कहा कि वे अपनी जीवनसंगिनी को साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सतत प्रयासरत थे और साथ लेकर चल रहे थे। पूर्व अध्यक्ष रामअवतार तिवारी ने कहा, “विनय शर्मा ज्ञान, समझ और पत्रकारिता की गहराई वाले व्यक्ति थे। समाज और पत्रकारिता दोनों ही क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा।” वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा ने उन्हें एक सहज, सौम्य और प्रेरणादायक व्यक्तित्व बताया, “उनसे बात करना ऐसा लगता था मानो छोटे भाई से बातचीत हो रही हो। वे कभी किसी की आलोचना नहीं करते थे। उनकी खींची तस्वीरें आज भी बोलती हैं।”

प्रेस क्लब के पूर्व महासचिव प्रकाश शर्मा ने उन्हें “फोटो पत्रकारिता का महाग्रंथ” बताया और कहा, “उन्होंने फोटो से कहानी कहने की कला को जीवंत किया। उन्होंने ही हमें सिखाया कि फोटोग्राफर और फोटो जर्नलिस्ट में क्या अंतर होता है।”विनय शर्मा जी के अभिन्न मित्र व वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट गोकुल सोनी ने 80 के दशक की यादें साझा करते हुए कहा, “हम दोनों एक साथ पत्रकारिता में आए थे। वे एयर विंग में थे, पायलट बनना चाहते थे, लेकिन सुनील कुमार जी के मार्गदर्शन में फोटोग्राफी में आए। दूर-दूर तक मोटरसाइकिल से खबरों की तलाश में निकल जाना, उनकी जिजीविषा और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार समीर दीवान ने कहा, “विनय भैया जैसे लोगों से समाज समृद्ध होता है। उनसे मिलकर हमेशा कुछ बेहतर करने की प्रेरणा मिलती थी।” वरिष्ठ पत्रकार निकाश परमार ने बताया कि वे अपनी तस्वीरों और अनुभवों को एक पुस्तक के रूप में प्रस्तुत करना चाहते थे, जिस पर उन्होंने कार्य भी प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि प्रेस क्लब को इस अधूरे कार्य को आगे बढ़ाकर उनके सपने को पूरा करना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने विनय शर्मा के साथ की कई महत्वपूर्ण रिपोर्टिंग्स की यादें भी साझा कीं, जैसे मैनपुर की बाघिन, नंदनवन के तेंदुए और बच्चों की काली मिट्टी वाली प्रसिद्ध तस्वीरें। उन्होंने राज्य सरकार से उनके नाम पर कोई सम्मान स्थापित करने की भी मांग की। सभा में वरिष्ठ पत्रकार पीसी रथ, अनिरुद्ध दुबे, दीपक पांडेय सहित कई पत्रकारों ने भी अपने अनुभव साझा किए

विनय शर्मा के पुत्र अमित शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “पिता जी के लिए प्रेस क्लब उनका दूसरा परिवार था। प्रेस क्लब का नाम सुनते ही उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी और तबीयत भी ठीक लगने लगती थी। आज यहां सबके अनुभव सुनकर समझ में आया कि वे केवल मेरे पिता ही नहीं, बल्कि अनेक लोगों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शक थे।” उन्होंने प्रेस क्लब और सभी पत्रकार साथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस आयोजन से उन्हें महसूस हुआ कि उनके पिता का जीवन और कार्य कितना प्रभावशाली और प्रेरणादायक था। सभा की शुरुआत विनय शर्मा जी के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ हुई तथा समापन दो मिनट के मौन श्रद्धांजलि के साथ किया गया।शोक सभा का संचालन प्रेस क्लब के महासचिव डॉ. वैभव पांडेय ने किया।