सच की पड़ताल या साजिश? पत्रकार पंकज विश्वकर्मा के स्टिंग ऑपरेशन को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश!
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आज रायपुर प्रेस क्लब में साथी मिडिया कर्मियों से बातचीत में पत्रकार पंकज विश्वकर्मा ने बताया कि विगत कुछ दिनों से उनके ऊपर तथ्यहीन, साक्ष्य हीन, आधार हीन एवं असत्य आरोप लगाया जा रहा है कि उनके खाते से सट्टेबाजी के पैसों का लेन-देन किया गया। जो कि पूर्णतः असत्य है। ये पूरा प्रकरण दरसअल खोजी पत्रकारिता का एक स्टिंग ऑपरेशन था। पंकज विश्वकर्मा वर्ष 2022-23 में विशेष संवाददाता, छत्तीसगढ़ ,खबर फास्ट नेशनल न्यूज़ चैनल में कार्यरत थे। खबर फास्ट न्यूज़ चैनल में बतौर विशेष संवाददाता, छत्तीसगढ़ पदस्थ होने की वजह से पूरे प्रदेश की सभी बड़ी खबरें और सूचना उनके पास आतीं थी एवं वे सभी प्रकार के समाचारों का संकलन करते थे। समाचार संकलन के दौरान एक विशेष गिरोह की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई। जिसका मूल काम हवाला कारोबार, सट्टेबाजी सहित फर्जी कम्पनी और व्यावासायिक संस्थान बना कर बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का था। इस गिरोह के द्वारा जरूरतमंद एवं आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को टारगेट कर फंसाया जाता था। उन्हें मुद्रा लोन, होम लोन और आसान ऋण आदि सुविधा का झांसा देकर सभी प्रकार के व्यक्तिगत प्रमाण पत्र लिये जातें थें। आम आदमियों की बगैर जानकारी दिये उनके बैंक खातों को अपने अवैध वित्तीय कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाता था। उनके व्यक्तिगत प्रमाण पत्रों के आधार पर फर्जी कंपनी और फर्म्स की स्थापना कर बड़ी मात्रा में फर्जी जीएसटी बिलिंग कर राजस्व की चोरी की जाती थी। जब इस पूरे अंतराज्यीय गिरोह की जानकारी पत्रकार पंकज विश्वकर्मा को लगीं तो उन्होंने इसका पर्दाफाश करने के लिए पूरी जानकारी उन्होंने अपने मध्यप्रदेश – छत्तीसगढ़ हेड सहित नेशनल हेड और दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय को दी और एक स्टिंग ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार की। साथ ही इस संदर्भ में उन्होंने दिनांक 19/5/2023 को तात्कालिक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रायपुर सहित जिले के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को लिखित पत्र द्वारा भी साक्ष्य सहित जानकारी दी। ये पूरा गिरोह अंतराज्यीय था इसलिए उन्होंने अपने चैनल के स्टेट हैड के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ राज्य के तात्कालिक पुलिस महानिदेशक से 27/07/2024 को व्यक्तिगत मुलाकात कर लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत कर पूरे मामले की जानकारी दी थी। इस पूरे मामले में केंद्र सरकार की एजेंसी भी जांच कर रही थी। पत्रकार पंकज विश्वकर्मा ने केंद्र सरकार के सीनियर इंटेलिजेंस आफिसर आशीष लकड़ा के सामने अपना बयान भी दर्ज कराया था। अथक प्रयास के बाद रायपुर पुलिस द्वारा गहन विवेचना और साक्ष्यों को एकत्रित कर अपराध पंजीबद्ध कर 27 से ज्यादा व्यक्तियों की गिरफ्तारी सहित लाखों रुपए नकद, दर्जनों बैंक खाते, चेकबुक, एटीएम कार्ड,कम्प्यूटर, लैपटॉप मोबाइल जब्त किया गया। साथ ही 12/082023 से 15/08/2023 तक लगातार पत्रकार वार्ता और प्रेस नोट सहित इस पूरे गिरोह और पुलिस कार्यवाही की जानकारी मिडिया से साझा की थी।
दरअसल पत्रकार पंकज विश्वकर्मा लगातार खोजी पत्रकारिता के माध्यम से कई मामले उजागर कर रहे हैं इसलिए दो साल पहले उनके द्वारा किए गए इस स्टिंग ऑपरेशन को गलत तथ्यों के साथ तोड़ मरोड़कर अब प्रस्तुत किया जा रहा है। ये पूरा मामला पत्रकार पंकज विश्वकर्मा की खोजी पत्रकारिता को खत्म करने के उद्देश्य से सामने लाया गया है।
भूमाफियाओं का दलाल, ब्लैकमेलर और एक तथाकथित फर्जी पत्रकार अलकेश खटोड़ उर्फ अखिलेश जैन को सामने रखकर राजधानी के बड़े भूमाफिया अपनी कारस्तानियों को छिपाने के लिए ये कृत्य कर रहे हैं।इस व्यक्ति के साथ कुछ और भी फर्जी पत्रकार जो ब्लैकमेलिंग का काम करते हैं वो भी जुड़े हैं। अलकेश खटोड़ उर्फ अखिलेश जैन बड़े भूमाफियाओं के लिए कूटरचित दस्तावेज तैयार करना, गैर कानूनी ढंग से प्रोजेक्ट के लेआउट पास करना, मृत व्यक्तियों के नाम से किसी भी व्यक्ति को खड़ा कर मुख्यतयारनामा तैयार करना और उन जमीनों की रजिस्ट्री या बैनामा करना जैसे गैर कानूनी काम करता है।
अभी हाल ही में इस व्यक्ति ने राजधानी के डूमरतराई की मेन रोड स्थित बेशकीमती डेढ़ एकड़ जमीन जो की करोड़ों रूपए की है तीन मृतको के नाम दर्ज थी उसकी गैरकानूनी एवं फर्जी पावर आफ अटर्नी तैयार कर पहले एक सामान्य व्यक्ति को बेचीं फिर दोबारा समान्य व्यक्ति से भूमाफियाओं को बेच दी। एक आपराधिक दिमाग और शातिर चालबाज व्यक्ति जिसे पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों सहित व्याकरण, भाषा, वाक्य विन्यास और व्याकरण सहित शुद्ध हिंदी का ज्ञान तक नहीं है वह व्यक्ति छत्तीसगढ़ शासन,जिला एवं पुलिस प्रशासन से बतौर पत्रकार और ब्यूरो चीफ नवभारत टाइम्स जो की एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान है पत्राचार एवं पत्रकार वार्ता कर रहा है। यह व्यक्ति राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, वरिष्ठ व्यापारीयों एवं पत्रकारों के विरुद्ध झूठी तथा मनगढ़ंत शिकायतों द्वारा लोक सेवकों को गुमराह करने, लोक सेवकों को गलत निर्णय लेने एवं अनुचित तथा विधि विरुद्ध कार्य करने के लिए प्रेरित करने का अपराध कर रहा है। जो की भारतीय न्याय संहिता 2023 में गंभीर अपराध है। जब पंकज विश्वकर्मा ने नवभारत टाइम्स मीडिया संस्थान से पत्राचार किया तो ज्ञात हुआ कि इसका नियुक्ति पत्र अवैध है और सभी दस्तावेज निरस्त कर दिये गये है। नवभारत टाइम्स के लेटरहेड में इसके द्वारा किये गये पत्राचार के लिए संस्थान नैतिक और न्यायलयीन रूप से जिम्मेदार नहीं हैं।
इसके साथ ही पंकज विश्वकर्मा ने बताया कि वे खोजीं पत्रकारिता जारी रखेंगे। हालांकि में उन्होंने छत्तीसगढ़ अपेक्स बैंक में हुये करोड़ों रूपए के घोटाले को उजागर किया है। आगे भी भूमाफियाओं के मामले जनता और प्रशासन के सामने लाते रहेंगे। साथ ही इन मिथ्या आरोपों सहित इन सभी मामलों में कठोर कानूनी कार्यवाही भी सुनिश्चित करेंगे।