Mamta khare madhu
-
ट्विटर टॉक
Young Writers:ममता खरे “मधु” की रचना उलझने कैसे सुलझाऊं……
कविता-उलझन कैसे सुलझाऊँ चीत्कार करती अभिलाषा,विकृतियाँ दे रही निराशा।हर आहट विचलित उर करती,पल-पल मै घबराऊँ~ उलझन कैसे सुलझाऊँ। बाहर बैठा…
Read More »
कविता-उलझन कैसे सुलझाऊँ चीत्कार करती अभिलाषा,विकृतियाँ दे रही निराशा।हर आहट विचलित उर करती,पल-पल मै घबराऊँ~ उलझन कैसे सुलझाऊँ। बाहर बैठा…
Read More »