एकनाथ शिंदे की हुई शिवसेना ,पार्टी के साथ चुनाव चिन्ह पर भी मिला अधिकार, जानिए चुनाव आयोग की घोषणा ?
मुंबई /महाराष्ट्र की राजनीति में आज बड़ा भूचाल आ गया है। जिसके तहत भारत निर्वाचन आयोग ने ये घोषणा की है कि एकनाथ शिंदे की टीम ही शिवसेना की असली उत्तराधिकारी है। आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना का ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न भी शिंदे गुट को दे दिया है. इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे की टीम को करारा झटका लगा है. उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी का नाम और पहचान (चुनाव चिह्न) दोनों खोना पड़ा है.
The Election Commission of India today ordered that the party name “Shiv Sena” and the party symbol “Bow and Arrow” will be retained by the Eknath Shinde faction. pic.twitter.com/cyzIZCm8sh
— ANI (@ANI) February 17, 2023
चुनाव आयोग ने पाया कि उद्धव गुट की पार्टी का संविधान अलोकतांत्रिक है. इसमें लोगों को बिना किसी के चुनाव के नियुक्त किया गया था. आयोग ने यह भी पाया कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई. इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था. इसी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना से अब उद्धव गुट की दावेदारी खत्म मानी जा रही है.
पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे ने बगावत करके उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी सरकार का तख्तापलट कर दिया था. तब से पार्टी उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के समर्थकों के बीच बंट गई थी. शिंदे गुट की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. फिर एकनाथ शिंदे ने सीएम और बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. इसके बाद तो दोनों गुटों में खींचतान और बयानबाजी तेज हो गई थी. दोनों ही गुट बालासाहेब ठाकरे की पार्टी और विचारधारा पर अपना दावा ठोंक रहे थे.