भीखम गांधी भक्त की कलम से :मुसीबत के दिन भी निकल जाएंगे
एक
रुको ठहरो जरा, मुसीबत के दिन भी गुजर जाएंगे,,
जो मज़ाक उड़ाते थे उनके चेहरे भी उतर जायेगे,,
कभी ना कभी तो मिलेगे जनाब।।
फिर नजरे हमसे वो कैसे मिलाएगे,,,
जोआज हम पर बीता है
वो कल तुम पर भी बीत. सकता है,,
इसिलिये घमंड ना करो धन वैभव सम्पत्ति का,,,
ये समय का पहिया हैं कभी भी उल्टा घूम सकता है,,
किसी को धन से साथ नहीं दे सकते तो मत दो,,
लेकिन मन से तो दे ही सकते हो,, दो शब्द प्यार के तो बोल ही सकते हो,,
मैं हू ना,, कुछ नही होगा, all is well,, get wel soon फिर मिलेंगे, ध्यान रखना, कुछ कlम हों तो बताना,, इतना तो प्यार से बोल ही सकते हो,,
दो
धन नही दे सकते तो मत दो।।
मै हू ना तेरे साथ इतना तो कह दो।।
इतना कहने मे तुम्हारा क्या
जाता है।।
हो तोआखिर इसान।।
नही हो तुम भगवान।।
जो इस जग में आए हो तो जाना है।।
ना ही किसी का इस जग में स्थाई ठिकाना है।।
आए हो तो दो बोल मीठे तुम बोल दो।।
मन से राग द्वेष क द्वार तुम खोल दो।।
आए हो तो इस जहां मे तो कुछ तो अच्छा करो।।
इंसान से न सही हे मानव भगवान से तो डरो. ।।
लेखक
भीखम गांधी “भक्त “
9425564831