नेशनल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की चुनौती को तवज्जो न देते हुए दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी शायद अपना खाता भी नहीं खोल पाएगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी की स्टेट यूनिट की ओर से कट्टरपंथ विरोधी प्रकोष्ठ स्थापित करने की घोषणा एक अच्छी पहल है, जिस पर केंद्र और अन्य राज्य विचार कर सकते हैं।
पीटीआई के साथ इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, “गुजरात में बीजेपी अभूतपूर्व जीत दर्ज करेगी। लोगों को हमारी पार्टी और हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है।” गुजरात चुनाव में ‘आप’ की दस्तक के सवाल पर शाह ने कहा, ‘हर पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे पार्टी को स्वीकार करते हैं या नहीं।’ वहीं, कट्टरवाद पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका संप्रदाय से कोई लेना-देना नहीं है। देश विरोधी तत्वों से कड़ाई से निपटने के लिए तैयारी है।
कांग्रेस गुजरात में बीजेपी की प्रमुख विरोधी पार्टी रही है, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ ने मोदी के गृह राज्य में एक आक्रामक प्रचार अभियान चलाया है। कांग्रेस से मिल रही चुनौती पर शाह ने कहा, ‘कांग्रेस अब भी मुख्य विपक्षी पार्टी है, लेकिन वह राष्ट्रीय स्तर पर संकट के दौर से गुजर रही है और इसका असर गुजरात में भी दिख रहा है।’
शाह ने कहा, “गुजरात के लोगों के दिमाग में ‘आप’ कहीं नहीं ठहरती है। चुनाव नतीजों का इंतजार कीजिए, शायद ‘आप’ उम्मीदवारों का नाम जीतने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट में आए ही नहीं।”
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए 1 दिसंबर को राज्य के 19 जिलों में मतदाता अपना वोट दाखिल कराएंगे। यह सभी 19 जिले सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के अंतर्गत आते हैं। उन सभी जिलों में कुछ सीटें अनुसूचित जाति या समाज के पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। पहले चरण के मतदान में कुल 89 सीट पर मतदान होगा जिसमें से समान्य कैटेगरी के लोग की कुल सीटें 68 है। समाज की अनूसुचित जाति के लिए (SC) वर्ग के लिए केवल 7 सीटें आरक्षित है।