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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गोधन न्याय योजना ने दिलाई छत्तीसगढ़ को खास पहचान, जानिए

छत्तीसगढ़ सरकार आज विश्व पटल पर अपनी जिस योजना के लिए खास पहचान बनाई हुई है वो है गोधन न्याय योजना, जिसकी शुरुआत 20 जुलाई 2020 को प्रदेश के यशश्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा किसानों एवं पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से की गई। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित गोठान 2 रु प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदती है। जिसके बाद इस गोबर से स्वसहायता समूह की महिलाएं 10 रुपये प्रति किलो में जैविक खाद और दूसरे उत्पाद बना कर बेचती हैं.

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छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना ने एक नई आर्थिक और सामाजिक क्रांति की शुरुआत की. बहुत ही कम समय में ने अपनी महत्व और सफलता को साबित कर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. है। प्रदेश के लोगो की लोकप्रिय योजना बन चुकी गोधन न्याय योजना से ग्रामीण और शहरी अंचलों में गौ पालकों को आय का जरिया मिल गया है। अब तक प्रदेश में लगभग 72 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है. इस योजना को दो चरण में चलाया जा रहा है… जिसमें पहले चरण में राज्य सरकार के 2240 गौशालाओं को जोड़ा गया, फिर कुछ ही दिनों में 2800 गौठनो का निर्माण होने के बाद दूसरे चरण में भी गोबर खरीदी की जाएगी. गाय का गोबर कई तरह के काम में आता है… इसके माध्यम से अच्छा इंधन तैयार किया जाता है

गोबर का प्रयोग बिजली बनाने के लिए किया जाएगा,छत्तीसगढ़ में अब ग्रीन एनर्जी का उत्पादन किया जाएगा… जिससे कि पर्यावरण को भी लाभ पहुंचागा एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओ को भी लाभ होगा… इसके अलावा इस फैसले से किसानों ,युवाओं और उद्योगों को भी लाभ पहुंचेगा… गोबर से बिजली बनाने का निर्णय ग्लोबल वार्मिंग की बढ़ती दर को देखते हुए लिया गया है… पिछले 1 साल में इस योजना के माध्यम से 50,000 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है…

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अब तक इस योजना के माध्यम से 96करोड़ रुपए की खरीदी किसानों एवं पशुपालकों से की जा चुकी है… इसके अलावा इस योजना के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी लगभग 80,000 महिलाओं को आजीविका प्राप्त हुई है… गौठान से एवं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को 27.78 करोड रुपए की राशि छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के माध्यम से प्राप्त हुई है। बता दे कि राज्य में अभी 5590 गौठान सक्रिय है…और 9950 गौठान का निर्माण की स्वीकृति सरकार द्वारा प्रदान की जा चुकी है… इन गौठान के माध्यम से 3,06,770 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया गया है… जिसमें से 1,44,320 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट की बिक्री की जा चुकी है…

अगर हम बात करें गोधन या योजना की सफलता की तो पूरे देश में अब केंद्र सरकार ऐसी ही योजना किसानों के लिए आरंभ करने का विचार कर रही है… 9 मार्च को लोकसभा में एक रिपोर्ट पेश की गई थी…जिस रिपोर्ट में कृषि संबंधी स्थायी समिति ने केंद्र को छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना जैसी योजना पूरे देश में आरंभ करने का सुझाव दिया है.

20 मार्च को इस योजना को स्कॉच गोल्ड अवार्ड दिया गया था… यह अवार्ड योजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए दिया गया है… इसके अलावा अधिकारिक वेबसाइट एवं मोबाइल ऐप को नेशनल अवार्ड भी दिया गया है…यह आधिकारिक वेबसाइट तथा मोबाइल ऐप प्रदेश के कृषि विभाग द्वारा संचालित किया जाता है…यह वेबसाइट एवं मोबाइल ऐप चिप्स के द्वारा विकसित किया गया था…इसके अलावा देश के प्रसिद्धि आईटी संगठन द इलेट्स टेक्नोमीडिया द्वारा अवार्ड ऑफ़ इंटेलिजेंस डिजिटल गवर्नेंस के इस योजना को दिया गया था…

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