आईलैंड पर ग्लास हाउस रेस्टोरेंट का निर्माण और बांध के पास कॉटेज का निर्माण, वेटलैंड अथॉरिटी ने दिए जांच के आदेश
बिलासपुर/ बिलासपुर जिले के अंतर्गत आने वाले खुंटाघाट जलाशय (खारंग जलाशय) के आईलैंड पर ग्लास हाउस रेस्टोरेंट और बांध के समीप एक हेक्टर भूमि पर कॉटेज निर्माण के मामले में छत्तीसगढ़ वेटलैंड अथॉरिटी के सदस्य सचिव अरुण कुमार पांडे ने कलेक्टर बिलासपुर सह अध्यक्ष जिला वेटलैंड संरक्षण समिति बिलासपुर को जांच के आदेश देकर वस्तु स्थिति से अवगत कराने के लिए आदेशित किया है।
क्या होती है वेटलैंड और क्या है वेटलैंड नियम?
देश में लगभग दो लाख ऐसी वेटलैंड (आद्रभूमि) हैं जो कि 2.25 हेक्टर से बड़ी है। छत्तीसगढ़ में ऐसी 7711 वेटलैंड हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आदेशित किया है कि इन सभी को अधिसूचित वेटलैंड माना जाएगा, जहां पर आद्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम 2017 के नियम 4 लागू होंगे।
वेटलैंड नियम 4 के तहत वेटलैंड पर किए जाने वाले प्रतिबंधित कार्यों की सूची दी गई है। जिसमें यह भी बताया है कि वेटलैंड पर वर्ष 2007 तक आई किसी भी बाढ़ का पानी जहां तक पहुंचा था, वहां से 50 मीटर आगे की दूरी तक, कोई भी स्थाई प्रकृति का निर्माण नहीं किया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार खुंटाघाट जलाशय अधिसूचित वेटलैंड है जहां पर आद्रभूमि नियम लागू होते है।
प्रत्येक राज्य में राज्य वेटलैंड अथॉरिटी का गठन किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड अथॉरिटी ने छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में वेटलैंड संरक्षण समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं तथा सदस्य सचिव जिले के वनमंडल अधिकारी होते हैं।
खुंटाघाट वेटलैंड के आईलैंड में ग्लास हाउस रेस्टोरेंट और बांध के समीप कॉटेज निर्माण
छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा खुंटाघाट वेटलैंड के आईलैंड पर जल संसाधन विभाग, संभाग बिलासपुर के माध्यम से रु 2.95 करोड की लागत से एक ग्लास हाउस रेस्टोरेंट का निर्माण प्रस्तावित किया है। निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने रु 2.95 करोड की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर, रुपए 10 लाख की अग्रिम राशि का सैंक्शन ऑर्डर भी जारी भी कर दिया है। यहाँ पर स्थाई प्रकृति का निर्माण होगा जिसमे कंक्रीट, सीमेंट, ब्रिक्स जुडाई, खुदाई, बोअरिंग इत्यादि कराये जायेंगे।
जल संसाधन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को खुंटाघाट वेटलैंड के बांध स्थल पर जलाशय के पीछे एक हेक्टर भूमि हस्तांतरित कर कॉटेज एवं अन्य निर्माण की अनुमति दी है।
लिया गया शिकायत पर संज्ञान
रायपुर के नितिन सिंघवी ने दस्तावेजी प्रमाणों जैसे प्रशासकीय स्वीकृति, रुपए 10 लाख की अग्रिम राशि का सैंक्शन ऑर्डर, एस्टीमेट, जल संसाधन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को बांध स्थल पर जलाशय के पीछे एक हेक्टर भूमि हस्तांतरित कर कॉटेज एवं अन्य निर्माण की अनुमति के दस्तावेजी सबूतों के साथ शिकायत कर निर्माण कार्य निरस्त करने के आदेश की मांग की थी, जिस पर तत्काल संज्ञान लेकर वेटलैंड अथॉरिटी ने जाँच के आदेश जरी किये हैं।