युवाओं से भेंट मुलाकात, कका अभी जिंदा है से की उनके मन की बात
दुर्ग/मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग संभाग के युवाओं के साथ भेंट-मुलाकात के लिए जयंती स्टेडियम, सेक्टर-6, भिलाई भेंट-मुलाकात स्थल पहुंचे।इस दौरान वे छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र के समक्ष माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर, राज गीत के साथ मुख्यमंत्री ने युवाओं से भेंट–मुलाकात कार्यक्रम की शुरुआत की।: युवाओं से भेंट-मुलाकात के दौरान दिग्विजय कॉलेज की छात्रा ईश्वरी ने बताया कि इन 5 सालों में मैंने जाना कि हम सब ज्यादा सुरक्षित हुई हैं। ज्यादा तरक्की कर रहे हैं। हम लोग उद्यमिता के क्षेत्र में बढ़ रहे हैं।
युवाओं के साथ भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्भूपेश बघेल राजनांदगांव, कवर्धा, बालोद, बेमेतरा, खैरागढ़, मानपुर-मोहला-अंबागढ़-चौकी और दुर्ग जिले से आए युवाओं से जयंती स्टेडियम, भिलाई में सीधी बातचीत कर रहे हैं।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय राजनांदगांव के विद्यार्थी मुकेश कुमार साहू ने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ विषय पर केंद्रित कविता पढ़ी।मुकेश ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलायी जा रही जनहितैषी योजनाओं का समावेश अपनी कविता में करते हुए प्रस्तुति दी।
बालोद से टेकराम पटेल ने कहा कि मेरी माटी इस दुनिया को सुवासित करती है। आल्हादित करती है। महानदी की धाराओं की तरह हमारा विकास हो रहा है।
स्वास्थ्य की बात करें तो धनवंतरी मेडिकल स्टोर खुले हैं।
हमारे प्रदेश में इलाज बेहतर हुआ है।
बस एक काम और करना है। हर जिले में ऐसे हॉस्पिटल हों कि महानगरों में रिफर ही न करना पड़े।
पूरे भारत में आज प्रदेश का नाम है। राम वन पथ गमन पर हुआ काम दुनिया जानती है।
गेड़ी और भौंरा गांव से निकल कर राजधानी पहुंच गया है।
इसी से सपनों का छत्तीसगढ़ तैयार हो रहा है।
नरवा से सिंचाई मिली। घुरूवा के दिन बहुर गए हैं।
पुरखों के सपनों को पूरा करने मुख्यमंत्री बढ़ चुके हैं।
राम राज्य के सपने को साकार करने अंगद जैसे युवा चाहिए।
आप लोग अपने कका की मदद कीजिये।
हमारे कका इतना मया दुलार करते हैं कि इसकी कोई सीमा नहीं है।
इसलिए कका आपके मया में दीवाना हे छत्तीसगढ़
बेमेतरा जिले के मनीष वर्मा ने आल्हा शैली की तर्ज में योजनाओं को गाकर सुनाया…
मैं मां भद्रकाली की भूमि बेमेतरा से हूँ।
आज मैं अपने छत्तीसगढ़ के विकास को आल्हा छंद से सुनाता हूँ।
फिर बहुत सुंदर छंद से इसे सुनाया।
लेथे सबके धान ल भैया, देथे बढ़िया दाम।
नरवा गरवा घुरूवा के भारी शोर।
मिल गे हमला भांचा राम।
कका राज म खुश हे भारी, नोनी बाबू सब सियान।
उनकी शानदार कविता लोगों को मंत्रमुग्ध कर गई।