मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की छापेमारी के बाद तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस कस्टडी में अचनाक उनकी तबियत बिगड़ गई और फिर उनको अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी। वह अभी चेन्नई के ओमंदुरार सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं।
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ईडी ने मंगलवार को बालाजी और कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने इरोड जिले और बालाजी के कार्यालय के अलावा उनके गृह जिले करूर में भी छापेमारी की थी। पांच साल में यह दूसरी बार है जब केंद्रीय जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने सचिवालय के अंदर तलाशी ली। बालाजी पर ईडी की कार्रवाई को लेकर सीएम एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है।
#WATCH | Tamil Nadu Electricity Minister V Senthil Balaji breaks down as ED officials took him into custody in connection with a money laundering case and brought him to Omandurar Government in Chennai for medical examination pic.twitter.com/aATSM9DQpu
— ANI (@ANI) June 13, 2023
उन्होंने कहा कि ऐसा करके सत्तारूढ़ भाजपा वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को डराने की कोशिश कर रही है। स्टालिन ने एक बयान में कहा, “भाजपा जिन लोगों का राजनीतिक रूप से सामना नहीं कर सकती, उन्हें पिछले दरवाजे से डराने-धमकाने की उसकी राजनीति सफल नहीं होगी। वह समय नजदीक आ रहा है, जब वे खुद ही इसे महसूस करेंगे।” उन्होंने कहा कि बालाजी ने जांच में पूरा सहयोग करने का वादा किया था, लेकिन यह समझ नहीं आया कि सचिवालय में मंत्री के कमरे की तलाशी की क्या जरूरत थी।
ईडी की कार्रवाई को लेकर डीएमके भी भाजपा पर हमलावर हो गई है। द्रमुक के वरिष्ठ नेता और संगठन सचिव आर. एस. भारती ने कहा कि पार्टी ने पहले भी इस तरह के कई छापे देखे हैं लेकिन उसके नेताओं के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पार्टी को बदनाम करने का प्रयास है।
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सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी के खिलाफ कथित कैश फॉर जॉब घोटाले में पुलिस और ईडी को जांच की अनुमति दे दी थी। ईडी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की है। बालाजी राज्य का आबकारी विभाग भी संभालते हैं। पिछले महीने आयकर विभाग ने भी बालाजी के करीबियों के ठिकानों पर छापे मारे थे। बालाजी ने कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं है कि अधिकारी उनके परिसरों पर क्या तलाश करने आए हैं। उन्होंने जांच में पूरी तरह सहयोग का आश्वासन दिया था। बालाजी पहले अन्नाद्रमुक में थे और दिवंगत जयललिता की सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं।