देश

तमिलनाडु में शुरू हुआ जल्लीकट्टू, सांड़ों को काबू करते हुए 22 घायल, जारी की गई हैं गाइडलाइंस

image 11 तमिलनाडु में शुरू हुआ जल्लीकट्टू, सांड़ों को काबू करते हुए 22 घायल, जारी की गई हैं गाइडलाइंस

तमिलनाडु : तमिलनाडु के लोकप्रिय खेल जल्लीकट्टू की शुरुआत आज से हो गई है. सीजन के पहले दिन के खेल में 22 लोग घायल हो गए है. आपकों बता दें पोंगल से पहले पशु थाचनकुरिची गांव में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में लगभग 350 बैल और 250 सांड भाग लेंगे. जानकारी के अनुसार इस महीने की 6 तारीख को होने वाले कार्यक्रम को प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर जिला कलेक्टर कविता रामू द्वारा स्थगित कर दिया गया था.

तमिलनाडु सरकार ने बैलों और दर्शकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपाय किए हैं, जिसमें डबल बैरिकेडिंग, पशु चिकित्सकों द्वारा बैलों की स्क्रीनिंग के अलावा पशु कल्याण बोर्ड के नामितों द्वारा निगरानी शामिल है.प्रशासन ने सांडों को काबू करने वाले इस खेल में भाग लेने वालों के लिए टीकाकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना भी अनिवार्य कर दिया है.

17 जनवरी से होगा अलंगनल्लूर खेल का आयोजन

आपकों बता दें 17 जनवरी को मदुरै जिले में विश्व प्रसिद्ध अलंगनल्लूर का आयोजन किया जाएगा. जिला प्रशासन ने वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें केवल 150 सांडों की भागीदारी और दीर्घाओं में 50% सीट शामिल है. यही नहीं दर्शकों को भी टीकाकरण की निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करने होगी.जल्लीकट्टू 15 जनवरी को मदुरै के अवनीपुरम में और 16 जनवरी को पलामेडु में आयोजित किया जाएगा.

सांडों से कई तरह की होती है क्रूरता

आपकों बता दें तमिलनाडु में ये खेल ग्रामीण दशकों से खेल रही है. इस खेल में सांडों को कई तरह की क्रूरता और यातनाओं का शिकार होना पड़ा है, जिसमें नशा, आक्रामक बनाने के लिए सांड की आंखों में नींबू निचोड़ना, जानवर को पूंछ से खींचना, भाले से पीटना, इसके अलावा जानवर के कूबड़ पर कई तरह के वशीकरण करना शामिल है.

सुप्रीमकोर्ट ने खेल पर लगाया था प्रतिबंध

सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस खेल पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, 2017 में राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध के बाद कानून में संशोधन किया गया था, यह तर्क देते हुए कि यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, यह मुद्दा अभी भी शीर्ष अदालत में चल रहा है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button