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42 किलो के महाकाल को कंधे में लेकर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ महाकुम्भ में डुबकी लगाए कवि हरसाना

प्रयागराज: महाकुंभ में सनातन धर्म के ऐसे ऐसे अद्भुत रंग देखने को मिल रहे हैं, जिसे देखकर विदेशी भी आश्चर्यचकित हैं. एक से बढ़कर एक भक्ति काअद्भुत रंग-बिरंगा नजर शायद ही दुनिया में कहीं देखने को मिलेगा. महाकुंभ के इस अद्भुत नजारे में कई ऐसे भक्त भी दिख रहे हैं, जो भीड़ से बिल्कुल अलग है. ऐसा ही एक भक्त 42 किलोग्राम के लगभग 7 फीट ऊंची भगवान शंकर की प्रतिमा के साथ महाकुंभ में पहुंचा है. इतना ही नहीं त्रिवेणी में भी शिव की मूर्ति के साथ डुबकी भी लगाई.

10 किमी मूर्ति के साथ पैदल चले कवि हरसानाः हरियाणा के रहने वाले बड़े अस्पताल में एडमिनिस्ट्रेटिव हेड कवि हरसाना भगवान शिव की मूर्ति लेकर महाकुंभ पहुंचे. 42 किलोग्राम के बैठी हुई मुद्रा में भगवान शंकर की प्रतिमा को कंधे पर उठाकर कवि हरसाना जैसे-जैसे कुंभ के संगम तट की तरफ बढ़ रहे थे, हर किसी के लिए वह आश्चर्य का विषय बने हुए थे. इसकी बड़ी वजह यह थी कि भगवान शंकर की भव्य प्रतिमा को उन्होंने अपने कंधे पर उठा कर रखा था और कंधे पर उठाकर वह पैदल ही चले जा रहे थे. कवि हरसाना की गाड़ी अंदर नहीं आई तो लगभग 10 किलोमीटर का यह सफर उन्होंने भगवान भोलेनाथ को अपने कंधे पर उठाकर ही पूरा किया और संगम तट तक पैदल ही पहुंचे.

बातचीत में कवि हरसाना ने बताया कि 2010 से उन्होंने अपनी एक मन्नत को पूरा करने के लिए सावन के महीने में कावड़ यात्रा की शुरुआत की थी. तभी भगवान भोलेनाथ की इस प्रतिमा का निर्माण करवाया था. यह मूर्ति हार्ड प्लास्टिक से बनी है, जिसका वजन 42 किलो है. हरसाना ने बताया कि वह हर वर्ष सावन में भगवान भोलेनाथ की कावड़ यात्रा निकालते हैं और गंगा स्नान करवाते हैं. इस बार कुंभ का महापर्व था तो भगवान भोलेनाथ को स्नान करवाने के लिए प्रयागराज लेकर पहुंचे और कुंभ में स्नान करवाया. वासुकी नाथ मंदिर के साथ लेटे हनुमान मंदिर में दर्शन किया और साधु संतों के अखाड़े के चक्कर भी काटे.
युवाओं को नशे प्रति जागरूक करना मकसदः कवि हरसाना का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ इतना है कि आज का युवा जो भोलेनाथ के नाम पर नशा कर रहा है वह इससे दूर हो जाए. नशा एक खतरनाक स्थिति है और युवा इसकी चपेट में आ रहा है. भगवान भोलेनाथ को कंधे पर उठाकर सनातन की अलख जगाते हुए वह युवाओं को नशे से दूर रहने की गुजारिश भी करते हैं. यही वजह है कि उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर कई मिलियन व्यूज भी उनके वीडियो और फोटोस पर आए हुए हैं. कवि हरसाना ने बताया कि वह एक हार्ट हॉस्पिटल में एडमिन के पोस्ट पर कार्यरत हैं. अस्पताल के मालिक भी भोलेनाथ के भक्त हैं और मुझे भक्ति में कभी भी रोकते टोकते नहीं है. जब भी मुझे इस तरह का आयोजन करना होता है या मैं कोई संकल्प लेता हूं तो वह मेरा साथ देते हैं और छुट्टी दे देते हैं.

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