
रायपुर। आरक्षण पर राज्यपाल के दस सवाल पर जवाब राज्य सरकार ने भेज दिए है | अब इस पर सियासत होने लगी है | बीजेपी ने सवाल के जवाब को सार्वजानिक करने की मांग की है | वही सवाल जवाब राजभवन से किए जाने को लेकर कांग्रेस पूछ रही है कि क्या यह वैधानिक है | बहरहाल राजभवन के सवाल का जवाब अब राज्य सरकार ने भेज दिया है | अब देखने वाली बात यह है कि राज्यपाल आखिर कब तक विधेयक पर हस्ताक्षर हो पाता है |
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार के जवाब पर कहा कि सवाल सवाल होते हैं ,जवाब कैसे भेजे हैं। जैसे गफलत में विधानसभा में विधेयक पारित करा लिया ,जवाब अगर संतुष्टि पूर्ण नहीं होंगे तो राज्यपाल जी क्या निर्णय लेंगे यह उनकी व्यक्तित्व पर है। यह सरकार आरक्षण नहीं चाहती हैं ,आरक्षण के नाम पर छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज , अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग समाज को गुमराह करना चाहती है | गुमराह करके वोट लेना चाहती हैं | पूरी तैयारी के साथ भी विधेयक आता तो यह परिस्थिति नहीं बनते | उन्होंने कहा कि सरकार राजभवन के जवाब को सार्वजनिक कर रही है राज्यपाल के ऊपर आरोप लगा रही है ,जब राज्यपाल की जवाब को पेपर में छपा है तो सरकार को भी सार्वजनिक करना चाहिए | इधर बीजेपी के सार्वजिनक किए जाने की मांग पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राजभवन में पर्ची भेजे जाने के बाद ही सरकार के पास सवाल आए हैं | राजभवन के द्वारा सवाल जवाब किए गए हैं क्या वो वैधानिक है |
सरकार ने जवाब तो भेज दिए है। अब देखना ये होगा कि विधेयक पर हस्ताक्षर कब होगा। वही सर्व आदिवासी समाज भी नाराज है और 27 को राजभवन का घेराव करने वाली है |