रायपुर/05 जून 2023। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा मोदी सरकार की 9 साल की उपलब्धि बताने में असफल साबित हुई है और हमेशा की तरह झूठ और प्रोपोगंडा करके मोदी सरकार की नाकामी पर पर्दा करने में लगी हुई है भाजपा नेताओं को बताना चाहिए 2014 में जो जनता से वादा किया गया था उसमें कितने वादों को मोदी सरकार ने पूरा किया है?गरीब जनता के खाते में 15 -15 लाख रुपए कब आयेंगे? जनता की सच्चे दिन खत्म हो गई लेकिन अच्छे दिन नही आई। 30 रु. 35 रु. लीटर में पेट्रोल और डीजल देने का वादा था लेकिन मोदी सरकार पेट्रोल डीजल में 30 से 35 रु. लीटर पीछे मुनाफा कमा रही है। दो करोड रोजगार प्रतिवर्ष देने के वादे पर मोदी सरकार खरा नहीं उतर पाई है देश की जनता के ऊपर टैक्स लगाकर महंगाई का बोझ बढ़ाने का काम की है।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि इन 9 साल में आम जनता की आर्थिक स्थिति खराब हुई है रोजगार के गंभीर संकट से देश जूझ रहे हैं बेरोजगारी के मामले में देश 45 साल पुराने स्थिति में खड़ी हुई है पुस्तक, कॉपी, शीश, पेंसिल, स्टेशनरी, दूध, दही, जूता-चपल, कृषि यंत्र, रसायनिक खाद पर जीएसटी वसूली जा रही है। किसान डीजल पेट्रोल की महंगाई से परेशान हैं। कृषि यंत्रों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है दवाइयों के दाम में 30 प्रतिशत की वृद्धि हो गई आम जनता को राहत देने में मोदी सरकार असफल हुई है लोगों को ट्रेन नहीं मिल पा रहा है।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार के 9 साल कुशासन और वादाखिलाफी से भरे हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपाइयों द्वारा जनता से किए वादे जुमले साबित हुए हैं। हकीकत यह है कि मोदी राज में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से उल्टे पांव दौड़ रही है। देश पर कुल कर्ज का भार 2014 की तुलना में तीन गुना बढ़ चुका है। देश के संसाधनों पर केंद्र सरकार के संरक्षण में मोदी के मित्र कब्जा जमा रहे हैं। गरीब और गरीब हो रहे हैं मध्यमवर्ग भी तेजी से गरीबी रेखा से नीचे जा रहा है। 2014 में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या लगभग 20 प्रतिशत थी, जो अब केंद्र सरकार के आंकड़ों में 60 प्रतिशत से अधिक हो गई है। 137 करोड़ की आबादी में मोदी सरकार के आंकड़ों के अनुसार ही 81 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने मजबूर हैं। मोदी राज में भुखमरी इंडेक्स में भी लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। 100 दिन में महंगाई कम करने का वादा था लेकिन हुआ उल्टा आज़ महंगाई दर शिखर पर है।