छत्तीसगढ़

CG NEWS : मोबाइल कंपनियां टावर लगाकर गायब, नगर निगम नहीं लगा पा रहा दफ्तर का पता….

अंबिकापुर। अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में मोबाइल कंपनियां अपना टावर लगाकर गायब हो गई है नगर निगम ना तो मोबाइल कंपनियों का दफ्तर ढूंढ पा रहा है और ना ही उनसे टैक्स की वसूली कर पा रहा है यही कारण है कि अंबिकापुर नगर निगम को करीब 80 लाख रुपये टैक्स के रूप में अलग-अलग टावर कंपनियों से वसूल करने हैं यही नहीं अब टैक्स जमा नहीं करने वाले कंपनियों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए नगर निगम को एफआईआर की तैयारी भी कर रहा है।

अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में निजी बिल्डिंगों में करीब 100 से ज्यादा मोबाइल टावर अलग-अलग कंपनियों के द्वारा स्थापित किए गए इन से हर माह नगर निगम को टैक्स की वसूली की जानी थी मगर नगर निगम इन मोबाइल कंपनियों के दफ्तर ही नहीं ढूंढ पा रहा जी हां हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मोबाइल कंपनियों के टैक्स का बकाया 80 लाख तक पहुंच गया है महापौर खुद यह मान रहे हैं कि मोबाइल कंपनियों के ज्यादातर दफ्तर बंद हो चुके हैं और कंपनियां एक दूसरे में मर्ज हो चुकी हैं ऐसे में ना तो टैक्स की वसूली हो पा रही है ना ही इनके दफ्तर का ठिकाना पता चल पा रहा है ऐसे में नगर निगम अब टैक्स की वसूली के साथ ही टैक्स जमा नहीं करने वाले मोबाइल कंपनियों के खिलाफ f.i.r. की तैयारी कर रहा है

वर्तमान में अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में जो मोबाइल टावर स्थापित हैं उनमें कौन-कौन सी कंपनियां अभी संचालित हो रही हैं और कौन-कौन सी कंपनिया दूसरे कंपनियों में मर्ज हो चुके हैं इनके आंकड़े भी नगर निगम इकट्ठा कर रहा है ताकि कंपनियों के दफ्तर ढूंढ कर उनसे टैक्स की वसूली की जा सके इसके अलावा अब मोबाइल कंपनियों को नगर निगम के द्वारा एक अलग तरीके का ऑफर भी दिया जा रहा है अंबिकापुर नगर निगम के द्वारा अनुपयोगी जमीनों के साथ ही सार्वजनिक बिल्डिंगों पर मोबाइल कंपनियों के टावर लगाने की बात कही जा रही है जिससे मोबाइल कंपनियां सीधे नगर निगम को टैक्स जमा कर सकें ताकि नगर निगम के आय में वृद्धि हो सके

बहरहाल जिस तरह से टैक्स के बकाया में वृद्धि हुई है उससे साफ है कि मोबाइल कंपनियां तो टैक्स जमा करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही लेकिन नगर निगम का अमला भी टैक्स वसूली में खासा रुझान नहीं दिखा रहा यही कारण है कि न तो वसूली हो पा रही है और नहीं मोबाइल कंपनियों के ठिकाने का पता चल पा रहा है ऐसे में देखना होगा कि कैसे नगर निगम अपने टैक्स की वसूली कर पाता है और मोबाइल कंपनियों को नगर निगम का ऑफर कितना भाता है

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