CG NEWS: राजस्व मंत्री लगा रहे अधिकारियों को फटकार, ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट करने को लेकर उठा विवाद, जानें क्या है पूरा मामला …

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का वीडियो आज सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. मंत्री जी कही किसी को फटकार लगते दिख रहे है तो कही अधिकारीयों की क्लास लगा रहे है. वैसे यह कोई पहला मौका नहीं की मंत्री जयसिंह अग्रवाल और अधिकारीयों का इस तरह का वीडियो सामने आया है. बता दें मामला ट्रासंपोर्ट नगर के शिफ्ट करने को लेकर चल रहा है. जिसके बाद यह बवाल शुरू हुआ है. मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने चेतावनी दी है कि, प्रस्तावित जगह से अगर ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट किया गया तो कलेक्टर को शिफ्ट कर दिया जाएगा. इतना ही नहीं मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में कहा अगर एक सप्ताह के भीतर काम नहीं हुआ तो फिर बताता हूं.
मंत्री ने कही ये बात
एक बात आपलोग जान लीजिये, कोई भी अधिकारी कितना भी पावरफुल क्यों ना हो, अपने को पावरफुल बताता हो, मेरे शहर में मैं मनमानी, गुंडागर्दी नहीं चलने दूंगा, बहुत हो गया। …और ट्रांसपोर्ट नगर तो शिफ्ट नहीं होगा, कलेक्टर यहां से शिफ्ट होगा, बता देता हूं मैं। अभी एक सप्ताह का वक्त देकर जा रहा हूं, अगर एक सप्ताह में नहीं हुआ तो फिर बताता हूं —– जय सिंह अग्रवाल, मंत्री, राजस्व
बाहर नहीं भागा है, कोई तबीयत खराब नहीं है, यहीं बैठा होंगा, कोई ना तो उसकी तबीयत खराब है और ना कुछ है…मैंने चीफ सिकरेट्री से पूछ लिया है, कोई छुट्टी नहीं लिया है उसने… जयसिंह अग्रवाल, मंत्री राजस्व
जानें मामला
गौरतलब है कि कोरबा में ट्रांसपोर्ट नगर के शिफ्टिंग का मामला एक बार फिर गरमाने लगा हैं। आज प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर का निरीक्षण करने मंत्री जयसिंह पहुंचे थे, जहां पर अधूरा काम देखकर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाया।
"सैंया भए कोतवाल अब डर काहे का"
यह है छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री के जयसिंह अग्रवाल! अधिकारियों के साथ इनका वार्तालाप सुनिए।आपकी स्वीकारोक्ति का स्वागत है कि कांग्रेस सरकार में अधिकारी भ्रष्ट हैं। यह भी सच है कि @bhupeshbaghel जी के संरक्षण में यह खेल चल रहा है! @JaiSinghMLA pic.twitter.com/U9vKQIQeaq
— Rajesh munat (@RajeshMunat) December 10, 2022
बता दें की मिली जानकरी के अनुसार बरबसपुर में प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर का पेंच एक बार फिर फंसता नजर आ रहा हैं। सरकारी नियमों की बात करे तो बरबसपुर क्षेत्र मसाहती गांव में आता हैं. ऐसे में कई लोग इस इलाके के शासकीय जमीन पर कब्जा कर रहने के साथ ही निजी जमीन पर रहते हैं.
एसडीएम ने कहा कि 24 अगस्त को सचिव से पत्र मिला था, प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर के चयनित स्थल बरबसपुर के मसाहती गांव होने के कारण जमीन पर प्लान को लेकर आपत्ति आने की बात कही गई। इसलिए मार्गदर्शन मांगा गया.
अफसरों की माने तो मसाहती गांव होने के कारण बरबसपुर में प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर की अनुमति देने में वैधानिक दिक्कते हैं. इसके साथ ही सबसे बड़ी समस्या बरबसपुर में संचालित नगर निगम का कचरा संग्रहण केंद्र हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की नियमावली में साफ किया गया हैं कि किसी भी लैंड फील साइट के आसपास के 500 मीटर पर डेवलपमेंट बफर जोन की अनुमति नही दी जा सकती हैं. वही दूसरी तरफ मसाहती गांव होेने के कारण बरबसपुर कचरा संग्रहण केंद्र का नक्शा में बाउंड्री का डिमार्केशन कर पाना मौजूदा हालात में संभव नही हैं. ऐसे में बरबसपुर कचरा संग्रहण केंद्र के साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर के लिए जमीन की अनुमति देना वैधानिक तरीके से अफसरों के गले की फांस बन जायेगा .