CG News : भारत के स्टीलमैन पहुंचे महासमुंद, कल दिखाएंगे बेहतरीन कारनामे, देखें Video…
महासमुंद । भारत में स्टीलमैन आफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध अमनदीप सिंह बसना नगर कीर्तन में शामिल होने पधारे हुए हैं। सिक्ख समाज के गुरूद्वारा में अमनदीप सिंह पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया कि सिक्ख पंथ के प्रथम गुरु गुरूनानक देव जी की कृपा और अपने कठिन परिश्रम के बदौलत इस मुकाम पर पहुंचा हूं। गुरुनानक देव जी कहते हैं कि संसार के सभी प्राणी सुखी हों। सर्व धर्म समभाव का संदेश नानक जी ने दिया है,हम गुरू के बताये हुए मार्ग पर चल रहे हैं। आगे अमनदीप ने कहा कि आज युवा पीढ़ी नशे की लत मे जा रही है यह अच्छा नहीं है।मैं युवाओं से आह्वान करता हूं कि नशापान को त्याग कर सकारात्मक सोच व उर्जा के साथ व्यायाम करें।खान पान सात्विकता लायें तो निश्चित रूप से युवा उस मुकाम तक पहुंच सकता है जहां वह जाना चाहता है। अमनदीप ने बताया कि 03 जनवरी को नगर कीर्तन के दौरान शहर में विभिन्न कारनामों को दिखाया जायेगा जैसे कि पेट के ऊपर जम्प रहेगा जो 50किलो ग्राम का रहेगा।मुंह के अंदर चाकू रहेगा ऊपर से पत्थर रखा जायेगा। बसना का कोई भी व्यक्ति पंच मार सकता है सादर आमंत्रित हैं। हथौड़े से सीने को मारना,बीयर बाटल तोड़ना और उसके कांच को खाना सहित 12 वर्ल्ड रिकॉर्ड को दिखाया जायेगा।
बता दें कि हमारे देश में सूरमाओं की कमी नहीं है कहा जाता है कि यहां एक गामा पहलवान हुआ करता था, जिसने कुश्ती में कभी नहीं हारे।आज भी हमारे देश में कई पहलवान हैं जिन्होंने अपने कारनामों से लोहा मनवा चुके हैं।आपको हम स्टीलमैन के बारे मे बताने जा रहे हैं जिसके कारनामे की पूरे विश्व मे चर्चा है। कुरुक्षेत्र के रहने वाले अमनदीप सिंह भारत के स्टीलमैन के नाम से जाने जाते हैं। अमनदीप सिंह के कारनामे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज है।
आने वाले अप्रैल माह में नेशनल ज्योग्राफिक चैनल में प्रसारण होगा जिसका शूटिंग हो चुका है। सबसे अहम् बात यह है कि इस चैनल के शो का प्रस्तुतीकरण डेविड ब्लेक के द्वारा किया जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अमनदीप के लिए बाइक और गाड़ी उठाना बायें हाथ का खेल है। इनके शरीर पर हथोड़े और लोहे के राॅड से मारने पर भी दर्द नहीं होता। इनकी बहादुरी के किस्से दुनिया के हर कोने में फैले हैं। अमनदीप के शरीर पर गाड़ी भी गुजर जाये उन्हें रत्ती भर दर्द नहीं होता। अपने शरीर को इसमें ढालने के लिए अमनदीप ने लगभग दो साल कड़ी मेहनत की है।