‘मैसर्स एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड’ पर ED का शिकंजा ,517.81 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क
दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक धोखाधड़ी के मामले में भूमि, भवन, संयंत्र और मशीनरी के रूप में ‘मैसर्स एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड’ की 517.81 करोड़ रुपए की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की है. मेसर्स सेथर लिमिटेड के 895.45 करोड़ बैंक घोटाले में यह कार्रवाई की गई है. ज्ञात हो कि एसके एस इस्पात कंपनी के मालिक पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय है।
ED has provisionally attached assets worth Rs 517.81 Crore of ‘M/s SKS Ispat & Power Ltd’ in the form of land, building, plant & machinery in connection with a Bank Fraud case of Rs. 895.45 Crore of M/s. Cethar Ltd.
— ED (@dir_ed) June 28, 2023
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ईडी ने तमिलनाडु के त्रिची स्थित बॉयलर निर्माण कंपनी सेथर लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई, बीएसएफ सेल, बैंगलोर द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. सेथर लिमिटेड ने इंडियन बैंक, एसएएम शाखा, मदुरै की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह से 895.45 करोड़ रु. की ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया था. कंपनी के खाते 31.12.2012 को एनपीए में बदल गए और बाद में 2017 में एनसीएलटी, चेन्नई के समक्ष आईबीसी के तहत कार्रवाई शुरू की गई.
पीएमएलए के तहत जांच 2019 में शुरू की गई थी. कंपनी के निदेशक के परिसरों और रुपये की अचल संपत्ति और आभूषणों की तलाशी ली गई. 2022 में 9.08 करोड़ रुपये की कुर्की की गई, जिसकी पुष्टि बाद में निर्णायक प्राधिकरण, पीएमएलए द्वारा की गई. आगे की जांच में पता चला कि बहीखाते से बाहर 565 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम बाहर रखी गई थी. निवेश की बिक्री पर हानि के रूप में 228 करोड़ बट्टे खाते में डाले गए.
सेथर लिमिटेड ने एसकेएस पावर जेनरेशन (छत्तीसगढ़) लिमिटेड (एसकेएसपीजीसीएल) के ईपीसी अनुबंध लगभग रु. 3500 करोड़ रुपये के अनुबंध में तत्कालीन मूल कंपनी एसकेएस के शेयरों में निवेश की आड़ में 228 करोड़ रु. निकाला गया. (हालाँकि, 12% प्रति वर्ष की दर से चक्रवृद्धि ब्याज को बहीखातों से अलग रखा गया था). इस रकम को 2016-17 तक व्यापार प्राप्य के रूप में दर्ज किया गया था, जब इसे बैकडेटेड/जाली समझौते बनाकर निवेश की बिक्री पर नुकसान के रूप में लिखा गया था. यह एनसीएलटी की कार्यवाही शुरू होने से सिर्फ 2 दिन पहले किया गया था, जिससे बड़े पैमाने पर आपराधिक साजिश का खुलासा हुआ.