आजादी के 75 वर्षों के बाद पहली बार कलेक्टर ने सुदूर गांव कोटेर में ग्रामीणो से की मुलाकात
बीजापुर – बीजापुर जिला भौगोलिक दृष्टिकोण से पहाड़, पठार, नदी, जंगलों से घिरा हुआ है सामान्य जिलों की अपेक्षा यहां शासकीय योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहंुचाना काफी जटिल काम होता है। भौगोलिक के साथ-साथ यहां की सबसे बड़ी समस्या नक्सलवाद है जिसके वजह से संवेदनशीलता और भी बढ़ जाती है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद क्षेत्रीय विधायक एवं जिला प्रशासन के विशेष पहल पर अब धीरे-धीरे उन जगहों पर भी प्रशासन की पहुंच बन रही है। जहां कभी कोई जनप्रतिनिधि, शासकीय अमला नहीं पहुंच पाते थे।
ऐसे ही बीजापुर ब्लाक के गंगालूर क्षेत्र में बसे ग्राम कोटेर है, जहां विधायक विक्रम शाह मंडावी, जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुड़ियम, कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा सहित जिला, जनपद एवं पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधि सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, पीएचई, क्रेडा, महिला बाल विकास सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी एवं मैदानी अमला पहुंच और ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं की सुध ली।
जनप्रतिनिधियों का गायता, पेरमा, पुजारी ने आत्मीय स्वागत कर ग्रामीणों ने विभिन्न बुनियादि सुविधाओं और अपनी मांगों से अवगत कराया, जिसमें त्वरित पहल की गई। ग्रामीणों ने एकल शिक्षकीय स्कूल की समस्या से अवगत कराया जिसमें गांव के ही ग्रेजुएट युवा को शिक्षादूत के रुप में व्यवस्था करने मौके पर उपस्थित जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए। वहीं आंगनबाड़ी केन्द्र में विद्युत व्यवस्था सुचारु रुप से संचालित करने सहित ग्राम कोटेर के सभी ट्रांसफार्मरों को तकनीकी अमलों द्वारा मौके पर परीक्षण कराया गया जिसमें सभी ट्रांसफार्मर का सही होना पाया गया एवं केबल जलने की बात बतायी। ने दो दिवस के भीतर केबल लगाकर विद्युत व्यवस्था को सुचारु रुप से संचालित करने के निर्देश दिए। पानी की समस्या से ग्रामीणों ने अवगत कराया जिस पर डोंगरीपारा, पटेलपारा और नयापारा के बोरिंग को मरम्मत कराने, नया पाईप लगाने के निर्देश दिए। जल जीवन मिशन के तहत् सभी घरों में नल कनेक्शन जल्द प्रदाय कराने एवं क्रेडा विभाग से 5 नग ड्यूल पंप लगवाने की बात ग्रामीणों को बताया गया। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु नियमानुसार स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की बात कही गई। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र के 60 प्रकरण सीईओ जनपद कार्यालय में जमा होने की बात बताई। ग्रामीणों को शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होने के लिए प्रेरित किया। वहीं गांव में 12 महिला स्व सहायता समूह वर्तमान में जो कार्यरत हैं। गोबर खरीदी, वर्मीखाद उत्पादन और साग-सब्जी उत्पादन कार्य कर रही । शासन के विभिनन योजनाओं से जुड़कर आर्थिक गतिविधियों को संचालित करने मार्गदर्शन दिया और सुगमतापूर्वक ऋण प्रदाय होने की जानकारी दी मौके पर उपस्थित सीईओ जनपद पंचायत दिलीप उईके को समूह की महिलाओं को मार्गदर्शन एवं सहयोग करने के निर्देश दिया गया और गौठान समिति का नियमित बैठक लेकर शासन की योजनाओं अध्यक्ष एवं सदस्य को शासन से मिलने वाली राशि के बारे में विस्तार से बताया।
नदी पर रपटा बनाने के लिए ग्रामीणों को आश्वस्त किया । कहा कि बारिश के दिनों में संपर्क टुट जाने के कारण स्वास्थ्य सहित विभिन्न बुनियादि सुविधाओं के लिए ग्रामीणों को वंचित न होना पड़े इसलिए जल्द ही रपटा बनाने की बात कही। वहीं व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र के लिए कोई हितग्राही अगर छूट गया हो तो तत्काल आवेदन करने को कहा ताकि सभी आवेदनों पर नियमानुसार जल्द स्वीकृति प्रदान की जा सके। ज्ञात हो कि वनाधिकार पत्र पहले सिर्फ आदिवासियों को मिलता था किंतु अब शासन के नियमानुसार तीन पीढ़ी से निवासरत अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय को भी प्रदाय किया जा रहा है। ग्राम कोटेर में केवल तेलगा समाज के लोग ही निवास करते हैं। 175 घरों में लगभग एक हजार जनसंख्या निवास करती है। सभी ग्रामीणों से आग्रह करते हुए कहा कि अपने बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल भेजे शिक्षा से जागरूकता आती है और बच्चों का सर्वांगीण विकास शिक्षा के माध्यम से होता हैं विधायक ने अपने भ्रमण के दौरान गंगालूर, रेड्डी सहित चेरपाल में जनचौपाल आयोजित कर ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं की जानकारी ली सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित विभिन्न बुनियादि सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।