बीजापुर/ छत्तीसगढ़ में एक तरफ सरकार लगातार आत्मानन्द इंग्लिश मीडियम खोलने की घोषणा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ बंद स्कूलों को पुनः संचालित करने में बहुत बड़ी समस्या देखने मिल रही है।
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बता दे कि बीजापुर जिले में बंद शाला खोले गए हैं । अंदरूनी क्षेत्रों में गंगालूर के मलुर गाँव जो कि गंगालूर से तकरीबन 5 किलोमीटर अंदर है । इस गांव में काफी आबादी है जहाँ गायतापारा में स्कूल खोला गया है जिसकी जांच के लिए टीम जब 11:30 बजे सुबह पहुंची तो नजारा चौकाने वाला था। तकरीबन 30 किलोमीटर का सफर तय करके हमने देखा कि स्कूल सुनसान था । ना टीचर ना बच्चे नजर आए वही स्कूल के आसपास ग्रामीणों ने बताया कि कभी-कभी स्कूल लगता है ।
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जिला प्रशासन लाखों रुपए खर्च करके अंदरूनी क्षेत्र में स्कुल बनाने की सोच रही है वहीं दूसरी ओर ठेकेदारों की मनमानी आधे अधूरे भवनों को बना कबाड़ की तरह छोड़ दिया है । जिस स्थान में बच्चे तो क्या जानवर भी ना बैठे । उस जगह मध्यान भोजन बनाने वाले रसोइयों ने बताया कि कैसे उस स्कूल में गंदे पानी से मध्यान भोजन बनता है । स्कूल तो खुल गया परंतु पानी की साफ-सुथरी व्यवस्था नहीं है जिसके चलते नाले के पानी से बच्चों का मध्यान भोजन बनता है इस स्थिति की देखने के बाद कहा जा सकता है कि नोनिहालो के लिए काजोल गए मल्लूर स्कूल में न व्यवस्था है कोई जिम्मेदार व्यक्ति जो बच्चो के भविष्य से होते खिलवाड़ को रोक सके