मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर/ एमसीबी जिला मुख्यालय से एक सौ दस किलोमीटर दूर वनांचल क्षेत्र ग्राम पंचायत जनकपुर के किसान त्योहार और चुनाव के कारण धान काटने में ज्यादा रुचि नही ले रहे हैं और किसान तीन दिसंबर को किस दल की सरकार बनेगी इसकी भी प्रतीक्षा कर रहा है क्योंकि किसानों के लिये दोनों प्रमुख दलों ने बड़ी घोषणाएं की है। सरकार किसी की भी बने किसानों को लाभ मिलना निश्चित है। आपको बता दें की जब से कांग्रेस और भाजपा ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया है। तब से छत्तीसगढ़ के किसान नई सरकार से मिलने वाले फायदे की बाट जोह रहे है। छत्तीसगढ़ में उपार्जन केंद्रों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू है। 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी का समापन 31 जनवरी को होगा। उसके बाद धान की खरीदी नहीं होगी लेकिन किसान नई सरकार के इंतजार में खरीदी केंद्रों तक अपनी फसल लेकर नहीं पहुंच रहे हैं।
47 ग्राम पंचायत में किसान धान उपार्जन केन्द्र जनकपुर और बहरासी मिलाकर 1657 किसान धारक है। किसानों के द्वारा 2147.85 हेक्टेयर में धान की खेती की गई है। धान की खरीदी एक नवंबर 2023 से लेकर 28 फरवरी 2024 तक चलेगी। इस वर्ष किसानों से 125 लाख टन धान खरीदने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में 25 लाख किसान धान बेचेंगे।
कांग्रेस-भाजपा ने किया है यह वादा
कांग्रेस ने 3,200 रुपये की दर से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का वादा किया है तो वहीं भाजपा ने 3,100 रुपये की दर से 21 क्विंटल धान खरीदी की घोषणा की है। भाजपा ने बकाया दो साल का बोनस देने का भी वादा किया है। यही वजह है कि किसान अब तीन दिसंबर का इंतजार कर रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लाभ उठा सके। विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी-कांग्रेस दोनों पार्टियों ने किसानों को लुभाने की कोशिश की है। दोनों पार्टियों के घोषणा पत्र में धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा है मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के किसानों में भी काफी खुशी है।बताया जा रहा है कि किसान धान बेचने के बाद जल्द सरकार बनने का इंतजार कर रहे हैं नई सरकार बन जाने के बाद धान की कीमत बढ़े हुए समर्थन मूल्य पर मिलने की उम्मीद है अभी तय नहीं है कि किसानों को नई सरकार बनने के बाद बढ़े हुए समर्थन मूल्य पर धान की कीमत मिलेगी या नहीं अधिकारियों ने भी स्पष्ट नहीं किया है उनका कहना है कि पुराने दाम पर किसानों से धान की खरीदी की जा रही है। दिवाली का त्यौहार होने की वजह से पिछले साल के मुकाबले अभी कम किसान धान खरीदी केंद्रों तक पहुंचे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि 3 दिसंबर के बाद बड़ी संख्या में किसान खरीदी केंद्रों तक धान बेचने पहुंचेंगे।
राकेश सोनी किसान बताते हैं कि धान के बारे में अभी धान की फसल कम हुई है बरसात के कारण 20 प्रतिशत से 25 प्रतिशत कमी है लेट कटाई भी हो रही है और हम किसानों की यही सोच है थोड़ा तीन तारीख का इंतजार कर ले सरकार किसकी बनती है।और 3100और 3200 का दावा एक दूसरे किया है कांग्रेस और बीजेपी ने तो जिसकी भी सरकार बनती है किसान को फायदा होना चाहिए इसलिए तीन तारीख के बाद धान बेचने का इरादा बनाए हैं।
गणेश प्रताप सिंह किसान बताते हैं कि, धान कटाई अभी चुनावी माहौल था। इसलिए हम लोग नहीं काट पाए हैं। अभी लगभग 10 से 15 दिन लग जाएगा बेचने में. पार्वती यादव बताती हैं।इस साल पानी नहीं गिरा तो धन जो नहीं है अभी तो कटाई चल रही है और सुन रहे हैं कि शासन देने वाली है रेट तो तीन दिसंबर के बाद दे बेचेंगे। सोनिया बाई बताती हैं कि हम गरीब लोग सुबह से उठकर धान काटने के लिए जाते हैं। दिन भर में आते हैं बाल बच्चा छोड़ कर जाते हैं पानी कम गिरने के कारण धान फसल काम हो गई है।अभी तक धान नहीं काट पाए हैं । सुनी है। कि रेट बढ़ने वाला है तब धान को बेचेंगे
रोशन श्रीवास्तव समिति प्रबंधक ने बताया कि हमारे द्वारा धान खरीदी का सभी कुछ तैयारी कर लिया गया है। पूरी तरह से तैयार हैं हम धान खरीदने के लिए किंतु किसान के द्वारा टोकन के लिए नहीं आया जा रहा समिति में इस ख्याल से खरीदी भी प्रारंभ नहीं हुई है कुछ किसानों का कहना है कि हमारा कटाई भी नहीं हुआ है वह भी चल रहा है और कुछ किसानों को चुनाव के कारण आगे पीछे हो गया उनका वह भी लेट हो रहा है और इस महीने से धान आने की संभावना है धान आने लगेगा हमारे द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है धान खरीदने की जैसे किस आएंगे हम धान खरीदने लगेंगे।