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भाइयों की कलाई में सजेगी ‘रीपा’ में तैयार राखियां, बहनें स्नेह के डोर बनाने में जुटी

रायपुर/ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार में आते ही ग्रामीणों, किसानों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं एवं बच्चों की बेहतरी के अनेक योजनाएं शुरू की है। ग्रामीणों को रोजगार और आजीविका से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) लगातार स्थापना की जा रही है। रीपा में स्थानीय स्तर पर काम मिलने से बड़ी संख्या मंे महिलाएं भी इससे उत्सुकता के साथ जुड़ रही है और आर्थिक रूप से उन्हें संबल मिला है।

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कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर जनपद के ग्राम मझगवां में स्थापित महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) में कार्यरत महिलाएं इस बार भी राखी बनाने में जुटी हैं। रीपा में तैयार स्नेह की यह डोर भाइयों के कलाई में सजेगी। स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा इस बार करीब 8 हजार राखियां तैयार की जा रही हैं। समूह से तैयार राखियों को स्थानीय व्यापारियों द्वारा हाथों-हाथ खरीद लिया जाता है और इस बिक्री से प्राप्त राशि को महिलाएं आपस में बांट लेती है। महिला एवं बाल विकास विभाग, कोरिया के लिए भी समूह की महिलाएं एक हजार राखियां तैयार कर रही है।

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राखी तैयार कर रही सविता राजवाड़े, साधना, पुष्पावती, अनुरोधा सहित समूह के सदस्यों ने बताया कि बहुत ही शिद्दत के साथ वे राखियां तैयार कर रही हैं। सविता बताती है कि कोरोना के कारण वर्ष 2021 में राखियां तैयार नहीं की गई थी लेकिन विगत वर्ष से पुनः राखियां बनाई जा रही है। स्थानीय व्यापारियों द्वारा हमारे तैयार राखियां को बहुत पंसद किया जाता है, मांग को देखते हुए हमने पिछले 15 दिनों से राखी बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही मझगवां स्थित रीपा केन्द्र में महिलाएं मनिहारी समान भी तैयार कर रही है जो ग्रामीण महिलाओं को खासा पसंद आ रहा है।

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विदित हो कि ग्राम मझगवां स्थित रीपा में पेपर कप मेकिंग, बोरी बैग स्टिचिंग व प्रिंटिंग, गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण यूनिट लगा हुआ है। इस यूनिट में करीब पांच महिला स्व-सहायता समूह की 50 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं। रीपा ने रोजगार के साथ परिवार को आर्थिक सम्बल देने का काम किया है।

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