सीनियर सिटीजंस वेलफेयर सदस्यों ने वृद्धाश्रम में मनाया स्वतंत्रता दिवस
रायपुर/स्वतंत्रता दिवस की अगली भोर सीनियर सिटीजंस वेलफेयर के सदस्यों ने टिकरापारा, रायपुर स्थित,”चितवन वृद्धाश्रम जाकर वहां निवासरत वरिष्ठ नागरिकों के साथ अपनी शाम गुजारी।
वहाँ इन दिनों कुल 20 सदस्य रहते हैं जिनमें महिला पुरुष का अनुपात 11:9 का है। अधिकांश सदस्य रायपुर या आस-पास के जिलों के हैं, जिन्हें परिवार की अपरिहार्य परिस्थितिवश यहाँ आश्रय दिया जाता है ।
वहां उपस्थित वरिष्ठ कथाकार अजय अवस्थी ने बताया की जो भी लोग आते हैं,प्रयास किया जाता है कि वह काउंसलिंग के माध्यम से अपने बच्चों के साथ पुनः जुड़ जाएं अन्यथा की स्थिति में यहां प्रेम भाव से तो रहते ही हैं। आश्रम का संपूर्ण व्यय नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं व्यवसायी राजेश अग्रवाल उठाते हैं। घरेलू व्यवस्था प्रशान्त पांडे एवं महिला केयरटेकर के द्वारा संचालित की जाती है।
फोरम के अध्यक्ष के पी सक्सेना के साथ जब 16 सदस्य चितवन आश्रम पहुंचे तो वहां की सुव्यवस्था देखकर दंग रह गए। सभी सदस्य बड़े आत्मीय ढंग से मिले। पारिवारिक माहौल था और सभी अनुशासित, आनंदित वातावरण में सबसे ऐसे मिल रहे थे मानो सब पूर्व परिचित है। फिर जो गीत , भजन ,कविता , कथा, वाद्य संगीत , नृत्यादि का दौर चला तो पता ही नहीं कब 2 घंटे बीत गए।
वहां के सदस्यों ने जिस ऊर्जा के साथ नृत्य और संगीत में बढ़-चढ़कर भाग लिया तो पल भर के लिए ऐसा लगा कि वास्तव में यह स्वर्ग आश्रम ही है । किसी के चेहरे में कोई विषाद की रेखा नजर नहीं आ रही थी। कईयों ने कहा कि हम बहुत बेहतर हैं अपने घर से। यहां हमें हमउम्र साथी मिले और खाने पीने रहने की भरपूर व्यवस्था है। माह में एक बार सिनेमा देखने जाते हैं और कहीं-कहीं भ्रमण के लिए भी ले जाया जाता है।
कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मी नारायण लाहोटी ने इस तरह किया कि लोग हंसी के मारे लोटपोट हो जाते थे। सदस्य में मुख्य रूप से उपाध्यक्ष शकुंतला तिवारी,साधना सक्सेना, विनोद वाधवा , मीना वाधवा, शिवशंकर गुप्ता, रामनिवास गुप्ता, विजय शंकर गुप्ता ,बी एल वर्मा , छविलाल सोनी , रमेश तिवारी, पीके चटर्जी श्री नायक , श्री बच्चानी आदि उपस्थित थे।
फोरम के सभी सदस्यों का यह मानना था की स्वतंत्रता दिवस के दूसरे दिन की यह शाम सार्थक एव एवं दीर्घकाल तक याद रखने लायक व्यतीत हुई।अंत में सदस्यों ने निवासरत वृद्धजनो के मंगलमय जीवन की कामना कर पुन: मिलने का वादा करते हुए विदा ली।