बदतर शिक्षा व्यवस्था चपरासी चला रहा स्कूल, शिक्षक घर में बैठकर ले रहे वेतन
![बदतर शिक्षा व्यवस्था चपरासी चला रहा स्कूल, शिक्षक घर में बैठकर ले रहे वेतन 1 IMG 20230723 195033 बदतर शिक्षा व्यवस्था चपरासी चला रहा स्कूल, शिक्षक घर में बैठकर ले रहे वेतन](https://currentnews.org.in/wp-content/uploads/2023/07/IMG_20230723_195033.jpg)
रिपोर्टर — मनोज श्रीवास्तव
भरतपुर/ राज्य सरकार द्वारा शिक्षा में सुधार में लाने के लिए भले ही बड़े-बड़े दावे किए जाते हों लेकिन कुछ ऐसे भी विद्यालय हैं जहां शिक्षक ही आमतौर पर नदारद रहते हैं। स्कूल खुले महीनों बीत गये लेकिन पदस्थ शिक्षक आज भी छुट्टियां मनाने में लगे हुए है।
बता दे कि पूरा मामला एमसीबी जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र विकासखंड भरतपुर के बडगांवकला का है जहाँ स्कूल में दो शिक्षको की पदस्थापना तो हुई मगर शिक्षक आज तक स्कूल नही आये ।इस स्कूल में चपरासी के देख रेख में सिर्फ खोला और बंद किया जाता है बच्चे सिर्फ मध्यान्ह भोजन करने स्कूल आते हैं और चले जाते हैं जब से स्कूल खुला है तब से शिक्षक आए ही नहीं है जबकि स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ हैं पर दोनों नदारद रहते है जबकि शासन के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाएं चलाई जा रही है वहीं प्राथमिक विद्यालय बघेल में शिक्षक बिना किसी सूचना के गायब रहते हैं क्योंकि जब उनके देख रेख करने वाले सीएसी स्वयं नदारद रहते हैं वही प्राथमिक विद्यालय बघेल के शिक्षक छात्रावास अधीक्षक का भी प्रभार में है वहां के जनपद सदस्य व सरपंच ने बताया कि कई बार शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से शिक्षकों के हौसले बुलंद हैं ऐसे में शिक्षा का स्तर कैसे सुधरेगा । ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने ले लिये भेजते है कि उनका सपना रहता है कि बच्चा उनका अच्छी शिक्षा प्राप्त करे लेकिन इस स्कूल में बच्चे केवल मध्यान भोजन करने आते है और उसके बाद चले जाते है ऐसे में जिम्मेदार अपने कार्यालय में बैठ कर टाइम काटते है कभी उन जिम्मेदारों को किसी भी स्कूल का निरीक्षण नही करने है जिससे आलम तो यह है कि नवीन जिले में लगातार ग्रामीण क्षेत्रो में शिक्षा के स्तर लगातार हिरता ही जा रहा है वही छात्रों के द्वारा बताया गया कि हमारे सर नही आते है और हम लोग ऐसे ही पढ़ते है
जब इस मामले में जनपद सदस्य ने कहा कि जब से शाला प्रेवश उत्सव हुआ है उसके बाद से आज तक एक भी शिक्षक स्कूल नही आये
वही जब गांव के सरपंच स्कूल पहुँचे तो उनले द्वारा देखा गया कि शाला उत्सव के समय शिक्षक यह थे उसके बाद एक भी शिक्षक का पता नही है वही यहाँ जो हॉस्टल है उसके अधीक्षक का भी पता नही कोई नही आता है ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ेंगे